मंडी और हमीरपुर से बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं शूलिनी यूनिवर्सिटी में
मंडी : सिर्फ 9 साल पहले स्थापित शूलिनी यूनिवर्सिटी, जो कि हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन में स्थित है, को हिमाचल प्रदेश की प्रमुख निजी यूनिवर्सिटी के तौर पर पहचान मिली है और साइंस और रिसर्च के क्षेत्र में शूलिनी यूनिवर्सिटी देश की प्रमुख औरजोर देता है, ने पूरे देश में पेटेंट दर्ज करने में चौथा स्थान प्राप्त किया है जिसमें आईआईटी जैसे स्थापित संस्थान तक शामिल हैं। साइटेशनल रिसर्च के प्रतिष्ठित मानदंडों में, यूनिवर्सिटी देश के शीर्ष पांच संस्थानों में शामिल है।
आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए, शूलिनी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो.पी.के. खोसला ने कहा कि हाल के दिनों में आयोजित कई रैंकिंग ने शूलिनी यूनिवर्सिटी को शीर्ष निजी यूनिवर्सिटीयों की सूची में स्थान मिला है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी को पिछले तीन वर्षों लगातार नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) द्वारा लगभग 900 यूनिवर्सिटीयों में शीर्ष 15 प्रतिशत के बीच स्थान दिया गया है। इस रैंकिंग को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रदान किया जाता है।
प्रो.पी.के.खोसला ने कहा कि एनआईआरएफ भारतीय रैंकिंग अनुसंधान के लिए केवल 30 प्रतिशत अंक देती है, जबकि वैश्विक मानकों के अनुसार शिक्षण संस्थानों द्वारा किए गए शोध के लिए 60 प्रतिशत अंक आबंटित किए गए हैं।
प्रो. खोसला ने यह भी कहा कि यूनिवर्सिटी ने इस वर्ष विभिन्न विभागों के स्टूडेंट्स के लिए बेहतरीन एवं सराहनीय प्लेसमेंट्स भी प्राप्त की हैं। यूनिवर्सिटी के अथक प्रयासों से कई विषयों में लगभग 100 प्रतिशत प्लेसमेंट हुए हैं, यहां तक कि प्रमुख भारतीय और मल्टी-नेशनल कंपनियों (एमएनसी) ने अपनी एचआर टीमों को प्रतिभाओं को चुनने के लिए भेजाहै। प्रो.खोसला ने कहा कि औसत पैकेजों की पेशकश 5 लाख रुपए से लेकर 6 लाख रुपए प्रति वर्ष तक है। 15 लाख रुपए का उच्चतम सीटीसी पैकेज हमारे स्टूडेंट आशीष सैनी ने एमएनसी हिल्टी से प्राप्त किया है।
उन्होंने घोषणा की कि ईएलईटीएस रैंकिंग 2019 द्वारा यूनिवर्सिटी की इंजीनियरिंग औरटेक्नोलॉजी को भारत के शीर्ष 30 निजी इंजीनियरिंग संस्थानों में स्थान दिया गया है। वाइस चांसलर ने कहा कि यूनिवर्सिटी का ध्यान पात्र छात्रों के लिए 100 प्रतिशत प्लेसमेंट प्राप्त करने पर है। हम सिर्फ कुछ स्टूडेंट्स को असाधारण तौर पर हाई पैकेज प्राप्त करने पर ध्यान मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा की गई एनआईआरएफ रैंकिंग के अनुसार देश में 65 वांस्थान मिला है, पहले ही 100 प्रतिशत प्लेसमेंट दर्ज कर चुका है। फार्मेसी, 39 वें स्थान पर, पहले से ही फाइनल ईयर 92 प्रतिशत स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट प्राप्त हो चुकी है। प्रो.खोसला नेबताया कि कुछ अन्य कार्यक्रमों के लिए प्लेसमेंट एम.एससी. (कैमिस्ट्री) 100 प्रतिशत,
सीएसई 100 प्रतिशत, बायो इंजीनियरिंग 85 प्रतिशत, बी.टैक (मैकेनिकल) 88 प्रतिशत,बी.टैक (इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स) 75 प्रतिशत और बी.टैक (सिविल) 90 प्रतिशत है। प्रो खोसला ने कहा कि 20 और कंपनियां इस महीने अपने प्रतिनिधि भेज रही हैं।
यूनिवर्सिटी ने दुनिया भर के लगभग 250 यूनिवर्सिटीयों के साथ समझौता ज्ञापनों परहस्ताक्षर किए हैं, वाइस चांसलर ने कहा कि वर्तमान में 50 से अधिक स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के भाग के रूप में विदेशों में स्थित यूनिवर्सिटीयों में स्टडी कर रहे हैं। इसी तरह,उन्होंने कहा कि शूलिनी यूनिवर्सिटी में काफी संख्या में विदेशी स्टूडेंट पढ़ रहे हैं। विदेश मेंअध्ययन करने वाले कई स्टूडेंट विदेश में आगे की पढ़ाई के लिए पूरी तरह से फंडेंड डॉक्टरेट स्कॉलरशिप को प्राप्त करने में सक्षम हैं। कैम्पस में नई सुविधाओं के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए कहा, प्रो खोसला ने कहा कि पत्रकारिता और जनसंचार विभाग के तहत एक परिसर रेडियो और टेलीविजन स्टूडियो स्थापित किया गया है जो एक बैचलर्स कोर्स और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स इन जर्नलिज्म चलाता है।