मामले को लेकर विभिन्न संगठन मिले उपायुक्त कुल्लू से
रेणुका गौतम, कुल्लू : जैसे ही दोहलू नाला टोल प्लाजा शुरू करने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गई है, वैसे ही टोल प्लाजा संघर्ष समिति सहित आसपास के क्षेत्र के तकरीबन 10 संगठन इस मामले को लेकर चौकन्ने हो गए हैं। सभी संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर उपायुक्त के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन सौंपा।
सभी की यही मांग है कि यह टोल प्लाजा न्याय संगत नहीं है अतः इसे हटाया जाना ही समय की मांग है। साथ ही 2023 की विनाशकारी बाढ़ से हुए सड़क के नुकसान को भी जल्दी दूर किए जाने की मांग रखी। और क्षतिग्रस्त सड़कों की मुरम्मत करने पर बल दिया।
मामले को लेकर विस्तार से बात करते हुए संघर्ष समिति के अध्यक्ष दिनेश सेन और समन्वयक श्याम कपूर ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वयं लोकसभा में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा दिए गए बयान में साफ बता दिया गया है कि दो टोल प्लाजा के बीच कम से कम 60 किलोमीटर की दूरी होना आवश्यक है। जबकि दोहलू नाला टोल प्लाजा से पहले टकोली टोल प्लाजा आता है और दोनों के बीच में मुश्किल से 38 से 40 किलोमीटर का ही फासला है। अतः इस तरह से देखा जाए तो दोहलू नाला टोल प्लाजा हटाया जाना बहुत जरूरी है। इन संगठनों का यह भी कहना है कि भले ही इस मुद्दे को लेकर समय-समय पर आवश्यक बैठकें होती रहेगी। लेकिन उनका ध्यान इसी बात पर केंद्रित रहेगा कि यह टोल प्लाजा हर हाल में हटाया जाए।
उपायुक्त कुल्लू तोरूल एस रवीश ने सभी संगठनों की मांग बहुत ध्यान से सुनी और विश्वास दिलाया कि कानून और नियमों के अनुसार इस मामले का हल ढूंढा जाएगा। साथ उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि क्योंकि यह मामला नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) से जुड़ा है तो ऐसे में इसे लेकर साथ चलना भी बेहद जरूरी है। स्थानीय संगठन, सरकार और प्रशासन के साथ-साथ एनएचएआई की भूमिका को दरकिनार नहीं किया जा सकता, तभी मामले का सही हल निकाला जा सकता है।