Thursday, March 28, 2024
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एक सप्ताह से प्यासे है सराहा के लोग , कोविड केयर सेंटर को भी नहीं मिल रहा पानी

  नाहन    : दिनों से सराहां निवासी पानी की एक एक बूंद को मोहताज है। एक तो सराहां में कॅरोना महामारी का प्रकोप दिनो दिन बढ़ रहा है। आज हालात यह है कि सराहां के दो दर्जन से अधिक लोग कॅरोना संक्रमित है और उनमें से अधिकतर होम आइसोलेशन में है। ऊपर से गत एक सप्ताह से सराहां में पानी नही आने से लोगो की समस्या बढ़ती जा रही है। यही नही सराहां के डेडिकेटेड कोविड अस्पताल व सिविल अस्पताल में भी पानी की आपूर्ति सही मात्रा में नही हो रही है, जिससे वहां भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों को भी समस्या से जूझना पड़ रहा है। यही नही इलाके के जहर व बडू साहब  के लोगो ने बताया कि उनके इलाके में कई जगह पाइप लाइन टूटी हुई है जहाँ पानी व्यर्थ बह रहा है। इस विषय पर यदि विभाग के अधिकारियों से बात की जाती है तो वो कभी बडू साहब में लाइट न होने तो कभी अंधड़ आने का हवाला दे कर अपना पल्ला झाड़ देते है। गोरतलब है कि सराहां को पानी उपलब्ध करवाने वाली बडू साहिब परियोजना जब से शुरू हुई है तभी से विवादों में है और अक्सर जरा सी बारिश होने या तूफान आने या अन्य तकनीकी कारणों से हफ़्ती रहती है।अभी का आलम यह हर की इलाके वासियो को चार पांच दिनों मे पानी मिलता है और वो भी मुश्किल से 500 लीटर से ज्यादा नही मिलता।लोगो द्वारा विभाग को बार बार निवेदन करने के बाद भी विभाग के अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगती। धरातल पर पानी की समस्या से निजात पाने के कोई भी प्रयास नजर नहीं आते। गोरतलब है कि सराहां को पानी उपलब्ध करवाने वाली लिफ्ट वाटर सप्लाई स्कीम सराहां जिस की फर्स्ट स्टेज सराहां के समीप चढेच गाँव मे है का सही रखरखाव होता व उसकी क्षमता बढ़ाने के लिये समय समय पर उचित कदम उठाए जाते तो आज सराहां वासियो को पानी के लिये दर दर भटकने के लिये मजबूर नही होना पड़ता। सराहां वासियो को जल की आपूर्ती घरद्वार पर देने के उद्देश्य से वर्ष 1970-71 में लिफ्ट वाटर सप्लाई स्कीम सराहां बनी जिसका स्टेटिक हेड 271 मीटर मोटा था। जिस समय यह स्कीम बनी थी उस समय 1777 लोगो को पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था। उस समय 30 एचपी के दो पंप लगवाए गये थे। इसका डाया – लेंथ ऑफ राइजिंग मैन 1660 मीटर थी जबकि डिस्ट्रीब्यूशन लेंथ 9060 मीटर थी। उस वक्त के मुताबिक यह सराहां वासियो के जल की आपूर्ति करवाने के लिये पर्याप्त थी।लेकिन लोगो की  पानी की बढ़ती मांग को देखते हुए बडू साहिब से जल परियोजना तो शुरू की गई जो शुरू से ही चाहे उस इलाके के लोगो से जल विवाद हो या फिर उसकी पाइप लाइन बिछाने के तरीके व रूट या फिर इस परियोजना को बिजली सप्लाई कराने वाले ट्रांसफार्मर के अक्सर खराब रहने का मामला हो।अक्सर कोई न कोई समस्या आती रही।लेकिन विभाग या प्रशासन ने इन समस्याओं के समाधान के लिये कोई ठोस कदम नही उठाया। वही सराहां को जल आपूर्ति करवाने वाली पुरानी परियोजना के बारे में किसी ने कोई ध्यान नही दिया। यदि इसकी क्षमता बढ़ाने ,चेक डैम बना कर व बड़े टैंक बना कर पानी स्टोर करने की समय पर व्यवस्था की गई होती, इसका विभाग सही रख रखाव करता तो आज भी इस परियोजना में इतना दम है कि यह कफी हद तक सराहां व आसपास के क्षेत्र वासियो को जल आपूर्ती पूरा करवा सकती है। जानकारों की माने तो गर्मियों के दो महीनों को छोड़ कर यहाँ पानी की कोई कमी नही है। इस समय जो यहां पंप है वो 1 मिनट में 220 लीटर पानी छोड़ता है। गर्मियों में यह 7 घण्टे तक चल सकता है जबकि सर्दियों में यह 16 से 17 घण्टे तक चल सकता है।स्थानीय लोगो ने विभाग व प्रशासन से अपील की है कि अन्य योजनाओं के साथ इस परियोजना के रख रखाव व क्षमता बढ़ाने पर भी विचार करना चाहिये।जबकि आज हालात यह है इसके दो पंप काफी लंबे अरसे से खराब पड़े है वही इसके भवन की हालत भी खस्ता हाल है।वही सराहां में पानी की समस्या को लेकर आज जब पच्छाद की विधायक रीना कश्यप से बात की तो उन्होंने बताया कि आज मंगलवार को शिमला जा रही है तथा इस विषय को लेकर वो जल शक्ति  विभाग के मंत्री से मिलकर समस्या के समाधान के लिये आवश्यक करवाई करेंगी।

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