Friday, April 19, 2024
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72 घंटे में मंडी शराब कांड का माफिया बेपर्दा

72 घंटे में मंडी शराब त्रासदी का माफिया बेपर्दा, किंगपिन के गिरेबान तक पहुंची खाकी

हिमाचल प्रदेश पुलिस ने मंडी शराब त्रासदी के माफिया को बेपर्दा कर दिया है। बड़ी बात ये है कि खाकी ने शराब माफिया के किंग तक पहुंचने में भी सफलता अर्जित की है। पुलिस की तफ्तीश में पंचरूखी (कांगड़ा) का रहने वाला गौरव मिन्हास उर्फ गौरू इस खेल का मुख्य सरगना था। अवैध फैक्टरी हमीरपुर में प्रवीण ठाकुर के परिसर में चल रही थी। जम्मू-कश्मीर के सांबा के रहने वाले एके त्रिपाठी ने अवैध शराब को बनाने का फार्मूला तैयार किया था।


बातचीत करते सूबे के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू
हरियाणा के अंबाला से सागर सैनी ने अवैध शराब को बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में स्पिरिट के 25 ड्रमों की सप्लाई की थी। बड़ी बात ये है कि खाली बोतलों को कबाड़ी से खरीदकर भरा जा रहा था। स्टिकर्स को एक ग्राफिक डिजाइनर से डिजाइन करवाया गया था। हमीरपुर में इस अवैध फैक्टरी को रेनबो कैफे के नाम से चलाया जा रहा था। संगठित गिरोह में जम्मू-कश्मीर व उत्तर प्रदेश के तार भी मिले हैं।

इस फैक्टरी को हमीरपुर के प्रवीण ठाकुर व उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले पुष्पेंद्र व सन्नी द्वारा चलाया जा रहा था। ये भी पता चला है कि गौरव मिन्हास द्वारा हमीरपुर की तरह नालागढ़ में भी अवैध शराब की फैक्टरी चलाई जा रही थी। यूपी के आरोपियों की संलिप्तता अवैध बोटलिंग प्लांट से जुड़ी पाई जा रही है।

जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि शातिरों द्वारा वीआरवी फूड प्राइवेट लिमिटेड के नाम को बदल कर वीआरवी फूलस कर दिया गया था। यानि, देसी शराब बनाने वाली फैक्टरी के नाम से ही नकली फैक्टरी खड़ी की गई थी।

सूबे के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने नाहन में ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीडिया को बताया कि हमीरपुर के साथ-साथ नालागढ़ में भी अवैध शराब की फैक्टरी का पता चला है। बता दें कि 19-20 जनवरी को शराब के सेवन से 7 व्यक्तियों की मौत हो गई थी, जबकि कई उपचाराधीन हैं। हालांकि, शुरूआती दौर में पुलिस ने मंडी के सलापड़ के रहने वाले चार कारिंदों को दबोच लिया था। इसके बाद पुलिस डिस्ट्रिब्यूटर नरेंद्र तक पहुंची। उससे गौरव मिन्हास का पता चला। कड़ियों को जोड़ते-जोड़ते पुलिस ने संगठित गिरोह को बेनकाब किया है। नालागढ़ की अवैध फैक्टरी को लेकर दो व्यक्तियों की भूमिका की जांच की जा रही है।

डीजीपी का ये भी कहना है कि हिमाचल के इतिहास में ये पहली बार हुआ है, जब इस तरह के संगठित गिरोह का पर्दाफाश मात्र 72 घंटे में हुआ हो। उल्लेखनीय है कि डीजीपी संजय कुंडू ने एनआईए से वापस लौटे आईपीएस अधिकारी अरविन्द दिग्विजय सिंह के साथ खुद भी मौके का जायजा लिया था। उधर, एसआईटी का नेतृत्व कर रहे डीआईजी मधुसूदन ने कहा कि कांस्टेबल से एसपी स्तर के कर्मचारियों व अधिकारियों की अथक मेहनत की बदौलत ही ये सफलता अर्जित हुई है। उन्होंने कहा कि सुंदरनगर थाना के थाना प्रभारी पिछले 72 घंटों से सोए भी नहीं हैं।
दरअसल, शराब के सेवन से लोगों की मौत पर डीजीपी ने त्वरित एक्शन दिखाया। जहां-जहां से इस गिरोह के तार जुडे़ हुए थे, वहां के पुलिस अधिकारियों को तुरंत ही एसआईटी में शामिल कर लिया। मसलन, अगर अवैध शराब की बोतलों पर पाए गए हॉलमार्क व स्टिकर परवाणु में बने थे तो वहां के डीएसपी योगेश रोल्टा को भी एसआईटी में शामिल कर लिया गया। बद्दी पुलिस अधीक्षक कार्यालय में कैंप ऑफिस भी बना दिया गया। डीजीपी का ये भी कहना है कि कई जिलों में दबिश की प्रक्रिया जारी है।
पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू का कहना है कि शराब के उत्पादन में मामूली सी चूक महंगी साबित होती है। शराब के उत्पादन में एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल एक प्राइमरी राॅ मटीरियल है। अगर इथाइल अल्कोहल की जगह मिथाइल अल्कोहल का इस्तेमाल हो जाए तो शराब जानलेवा हो जाती है। उनका कहना है कि सैंपल्स की भी जांच जारी है।
20 जनवरी को सलापड़ के रहने वाले सोहन लाल, प्रदीप कुमार, जगदीश चंद व अच्छर सिंह को गिरफ्तार किया गया। डिस्ट्रिब्यूटर नरेंद्र सिंह उर्फ कालू को 21 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया जाता है। उससे पुलिस को पता चलता है कि इलाके में अवैध शराब की सप्लाई करने वाला मुख्य शख्स गौरू है।

पुलिस को गौरू की लोकेशन जीरकपुर में मिली। उसे गिरफ्तार कर लिया गया। गौरव मिन्हास उर्फ गौरू के कब्जे से पुलिस को एक डायरी भी मिली। वो हमीरपुर के प्रवीण ठाकुर के साथ मिलकर अवैध फैक्टरी चला रहा था। दिल्ली के सागर सैनी ने स्पिरिट की सप्लाई की थी। एके त्रिपाठी ने शराब का फार्मूला तैयार किया था। जांच के दौरान ये भी पता चला है कि अवैध शराब की फैक्टरी को उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले दो व्यक्तियों द्वारा चलाया जा रहा था।

ये हुई बरामदगी….
पुलिस ने इस मामले में किंगपिन गौरव मिन्हास के पालमपुर परिसर से 25 लाख रुपए की नकदी बरामद की। वीआरवी फूलस लिमिटेड के लेबल बरामद किए। 6 हजार होलोग्राम भी बरामद किए गए। डायरियां बरामद हुई हैं।

उधर, हमीरपुर में पुलिस ने अवैध शराब की 6 हजार पेटियां बरामद की हैं। 300 लीटर के पांच प्लास्टिक टैंकस भी बरामद किए हैं। इसके अलावा कार्टन, 2500 होलोग्राम, 2 प्लास्टिक टयूबस, हाइड्रो मीटर्स, सिरिंज, बॉटल फिलिंग मशीन इत्यादि को बरामद किया है।

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