Saturday, April 20, 2024
Homeशिमलाक्लाउड कंप्यूटिंग से हर समस्या का निदान, एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के एक...

क्लाउड कंप्यूटिंग से हर समस्या का निदान, एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के एक दिवसीय वेबिनार में बोले एक्सपर्ट्स


शिमला ; वर्तमान समय में कोविड-19 से उपजी वैश्विक महामारी को पूरी तरह समझने और इससे बाहर निकलने के लिए आज हर क्षेत्र में क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी एडवांस्ड टेक्नोलॉजी की सख्त जरूरत महसूस हो रही है ताकि वर्तमान परिस्थितियों सहित आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए मानव समाज सक्षम हो सकें और नए बदलाव के साथ जी सकें। बुधवार को एपीजी शिमला विश्वविद्यालय की ओर से ‘क्लाउड कंप्यूटिंग और टेलिकम्युनिकेशन कोविड-19’ विषय पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया जिसका उद्देश्य इन परिस्थितियों के समाधान और आने वाले समय में क्लाउड कंप्यूटिंग से रोज़गार सृजन और हर क्षेत्र में टेलिकम्युनिकेशन के माध्यम से नए व्यवसायिक अवसर प्रदान करना रहा। वेबिनार में सऊदी अरब और यूके विश्वविद्यालयों के क्लाउड कम्प्यूटिंग के प्रोफेसर्स और एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रमेश कुमार चौधरी ने बतौर विषय एक्सपर्टस शिरकत की। वेबिनार का संचालन एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के अकैडमिक डीन प्रो. डॉ. कुलदीप कुमार ने किया। वेबिनार में एपीजी शिमला विश्विद्यालय के विद्यार्थियों, शिक्षकों, हिमाचल के विद्यार्थियों सहित बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों के विद्यार्थियों और प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कुलपति प्रो. चौधरी ने कार्यक्रम की मेजबानी और विषय विशेषज्ञ के रूप में सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि समय के थपेड़ों ने आज मानव समाज को सीख दी है कि परिवर्तन और परिस्थितियों के हिसाब से जीना सीख लें ताकि मनुष्य का वर्तमान और भविष्य दोनों सुखी और सुरक्षित हों। कुलपति ने कहा कि आज कलाउड कंप्यूटिंग जैसी आधुनिक तकनीक से हर समस्या का रामवाण सिद्ध हो रही है बल्कि इससे व्यवसाय में प्रगति और रोज़गार के अपार स्रोत भी उपलब्ध हो रहे हैं ।उन्होंने ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र से लेकर न्यायपालिका तक क्लाउड कंप्यूटिंग की तकनीक व्यवसाय में वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग, सूचनाओं व डेटा के आदान-प्रदान से सभी कार्य आसानी से हो रहे है, यही नहीं बल्कि कोविड-19 महामारी के निदान में भी क्लाउड कंप्यूटिंग वरदान साबित हो रही है। कुलपति चौधरी ने कहा कि इस दिशा में ग्रामीण क्षेत्रों सहित शहरी क्षेत्रों के युवाओं को क्लाउड कंप्यूटिंग में कोर्स कर सुनहरी भविष्य के साथ दूसरों के लिए भी रोज़गार सृजन कर मानव समाज के उत्थान और सुरक्षा में योगदान देना चाहिए। वहीं वेबिनार में डॉ. फावज़ अल्हाररी, डॉ. आवड़ अल-रशीद और डॉ. टोनी एटकिन्स ने अपने विचार वेबिनार में प्रतिभागियों व विद्यार्थियों के साथ सांझा किए और विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर, क्लाउड कंप्यूटिंग में करियर संबंधी प्रश्नों के उत्तर दिए गए। डॉ. अवाद अल-रशीद ने कहा कि कलाउड कंप्यूटिंग ई-लर्निंग से लेकर डिजिटल हेल्थ केअर में मददगार साबित हो रही है कि किस तरह इस तकनीक से कुछ देशों ने कोविड-19 महामारी को मात दी है। डॉ. फावज़ ने भी क्लाउड कंप्यूटिंग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस तकनीक से ई-आफिस, ई-बिज़नेस, ई-एंटरटेनमेंट, ई-रिसोर्सेज औऱ कई व्यवसाय को लाभप्रद बनाया जा सकता है परंतु क्लाउड कंप्यूटिंग में महारित होना पहली शर्त है तभी महामारियों से लेकर व्यवसाय में सफलता हासिल कर बेरोज़गारी का निदान करना आसान होगा। फावज़ ने एक विद्यार्थी सीतल शर्मा के प्रश्न के उत्तर में कहा कि भारत जैसे विकासशील देश के ग्रामीण इलाकों को सैटेलाइट से जोड़ना चाहिए ताकि इंटरनेट की सुविधा सुगम्य हो और कलाउड कंप्यूटिंग के इस्तेमाल में आसानी हो। फावज़ ने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच ऐमज़ॉन जैसी कंपनी ने क्लाउड कंप्यूटिंग और डिजिटल कम्युनिकेशन तकनीक से अपने व्यवसाय को आर्थिक मंदी के दौर और अपने कर्मचारियों को कोविड-19 की महामारी से भी बचाया है।

Most Popular