
शिमला : आइडी की क्राइम ब्रांच ने फर्जी डिग्री मामले में आरोपों की जांच तेज कर दी है। इस सिलसिले में आज क्राइम ब्रांच ने एपीजी विश्वविद्यालय में डीएसपी मुकेश कुमार की अगुवाई में दबिश दी। इसके लिए सीआइडी टीम ने कोर्ट से सर्च वारंट लिया था। सीआइडी ने एफआइआर दर्ज कर रखी है व पांच महीने से जांच चल रही है। पहले भी टीम ने विश्वविद्यालय का रिकॉर्ड कब्जे में लिया था।बता दे कि सीआईडी ने इस निजी विश्विद्यालय के खिलाफ सीआईडी ने भराड़ी थाने में कुछ समय पहले एफआईआर की थी। एपीजी के अलावा मामले में सोलन की मानव भारती विश्वविद्यालय की भी जांच हो रही है।
गौरतलब है कि इसी मामले की जांच के लिए सीआईडी ने बुधवार को संस्थान में छापेमारी की। इससे संस्थान में हडक़ंप मचा रहा। सीआईडी की टीम ने पूरे संस्थान को खंगाला। यह छापेमारी देर शाम तक चलती रही। सीआईडी ने काफी रिकार्ड कब्जे में लिया है। संस्थान पर फर्जी डिग्रियों को बेचने के आरोप है। बताया जा रहा है कि संस्थान द्वारा दी गई कई डिग्रियों के रिकार्ड ही नहीं है, ऐसे में यह आशंका जाहिर की जा रही है कि ये ड्रिग्रियां फर्जी है। इससे पहले भी सीआईडी ने संस्थान से रिकार्ड मांगा था l लेकिन तब जांच टीम को पूरा रिकार्ड नहीं दिया गया।
जानकारी के अनुसार बुधवार को सीआईडी ने संस्थान से कई सालों का रिकार्ड लिया है। इससे पहले भी 2013 से 2020 तक का डिग्रियों व दाखिलों का रिकॉर्ड कब्जे में लिया गया था। हालांकि यह भी सामने आ रहा है कि जांच के दौरान कई अनियमितताएं पाई गईं।
विदेशी विद्यार्थियों का उचित रिकॉर्ड नहीं रखा गया है। इस माले में निजी शिक्षण आयोग भी जांच कर रहा है।
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