Friday, March 29, 2024
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शिमला में पेयजल संकट के साथ अब शहरवासियों को पिलाया जा रहा गंदा पानी: गौरव शर्मा

शहर के विभिन्न क्षेत्रों में पीलिया के मामले आ रहे सामने

शिमला में गहराते पेयजल संकट पर आम आदमी पार्टी ने बीजेपी सरकार को कठघरे में किया खड़ा

24 घंटे पेयजल देने का दावा करने वालों के कार्यकाल में 4-5 दिनों बाद मिल रहा पानी

शिमला

शिमला में पेयजल संकट पर आम आदमी पार्टी ने प्रदेश की भाजपा सरकार और एमसी शिमला को कठघरे में खड़ा किया है। आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता गौरव शर्मा ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अब शिमलावासियों को पेयजल संकट के साथ साथ गंदा पानी भी पिलाया जा रहा है। जिससे शिमला में 2016 के बाद एक बार फिर से पीलिया जैसे भयानक महामारी फैलने की आशंका है। उन्होंने कहा कि इन दिनों शहर के विभिन्न क्षेत्रों से 50 से ज्यादा लोग अस्पताल के बजाय झाड़फूंक वाले के पास पहुंचकर पीलिया झाड़ रहे हैं। एक तरफ शहरवासी पानी के घोर संकट से जूझ रहे हैं तो दूसरी ओर अब पीलिया के मामले सामने आ रहे हैं। इससे साफ पता चलता है कि अपने आपको डबल इंजन की सरकार कहने वाली भाजपा सरकार आम जनता की जिंदगी के साथ किस तरह से खिलावाड़ कर रही है। भाजपा सरकार जब 2017 में सत्ता में आई थी तब जनता से बड़े बड़े वादे करके आई थी कि शिमलावासियों को 24 घंटे पानी उपलब्ध करवाया जाएगा लेकिन आज हालत यह हैं कि पानी 24 घण्टे तो दूर लेकिन जो पानी दिया जा रहा है वह भी गंदा पानी पिलाया जा रहा है। पानी के संकट से पहले ही शिमला शहर 2018 में भाजपा शासित एमसी के समय ही पूरी दुनिया में बदनाम हुआ है।जहां 15 -15 दिनों बाद मिला था अब हालात दोबारा ऐसे ही होने वाले हैं जहां मई जून के चरम पर शहरवासियों को 10 -10 दिनों बाद पानी नसीब होगा। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड बैंक के सहयोग से जनता को लूटने के लिए प्रदेश सरकार ने एक जल निगम कम्पनी का गठन किया है जो सिर्फ लोगों को भारी भरकम बिल थमा देता है लेकिन जनता को पीने का पानी नहीं देती। जल निगम 2018 से लेकर 2022 तो शहर लिए सतलुज से पानी की पाइप लाइन तक नहीं बिछा पाई और न ही शहर में 24 घंटे पेयजल देने के लिए नई पाईप लाईन के लिए टेंडर कर पाई इससे साफ पता चलता है कि प्रदेश सरकार कितनी संजीदा है।

गौरव शर्मा ने कहा कि इन दिनों शहरवासियों को 4 से 5 दिनों बाद पीने का पानी नसीब हो रहा है लेकिन न तो नगर निगम शिमला कोई संज्ञान ले रहा है और न ही प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री। लगता है जल शक्ति मंत्री का तो शिमला शहर के साथ कोई सम्बंध नहीं है क्योंकि शहरी मंत्री सुरेश भारद्वाज और जल शक्ति मंत्री की आपसी खींचतान के चलते शहर की जनता को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल या रहा है। दोनों मंत्रियों की आपसी लड़ाई में अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला किया जाता है। जिससे न तो कर्मचारी समय पर पानी उपलब्ध करवा पा रहे हैं और न ही सही ढंग से ड्यूटी निभा पा रहे हैं।

शहर में पेयजल का जिम्मा सम्भाल रही कम्पनी रोजाना 40 से 42 MLD पानी की आपूर्ति का दावा करती है लेकिन शहर की जनता के हलक सूखे पड़े हैं। ऐसे में सरकार पर सवाल उठना लाजमी है।
आम आदमी पार्टी मांग करती है कि यदि जल निगम का दावा सही है तो पानी की आपूर्ति किसको हो रही है। कहीं भाजपा अपने चहेतों को पानी का आबंटन तो नहीं कर रही । इसकी जांच होनी चाहिए।
गौरव शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 15 अप्रैल को ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त पानी देने की घोषणा की है लेकिन अभी तक वह लागू नहीं कर पाए इससे इनकी नियत पर शक होता है अगर इन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों की जनता के लिए सच में कुछ करना होता तो अब तक इसकी नोटिफिकेशन कर चुके होते इसलिए यह सरकार सिर्फ और सिर्फ जुमलेबाजी कर सकती है जनता को सिर्फ बेफकूफ बना सकता है लेकिन प्रदेश की जनता सब जानती है जिसका जबाब विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिलेगा और प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी।

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