रेणुका गौतम
कुल्लू : जिला में विभिन्न प्रकार की सब्जियों तथा अन्य खाद्यान्न जो पाॅलीथीन की पैकेजिंग में आ रहे हैं, वह पूरी तरह से बंद होने चाहिए। इससे स्वच्छ भारत का सपना आहत हो रहा है। यह बात उपायुक्त डा. ऋचा वर्मा ने यहां शुक्रवार को जिला स्तरीय सार्वजनिक वितरण समिति और सतर्कता समिति की दो अलग-अलग बैठकों की अध्यक्षता करते हुए कही। इन बैठकों में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति से संबंधित योजनाओं की समीक्षा की गई। उन्होंने जिला नियंत्रक खाद्य एवं आपूर्ति को निर्देश दिए कि पाॅलीथीन का प्रयोग पूरी तरह से बंद हो और इस दिशा में सख्त कदम उठाए जाएं।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि इस अधिनियम के तहत जिला में कुल 2,30,678 उपभोक्ताओं का चयन किया गया है लेकिन विभागीय पोर्टल पर 1,86,590 उपभोक्ताओं का रिकार्ड दर्ज है और इन सभी उपभोक्ताओं को डिजिटल राशन कार्ड जारी कर दिए गए हैं। इस वर्ष फरवरी से जून तक जिला में अधिनियम के तहत 2193 मीट्रिक टन चावल और 3070 मीट्रिक टन गेहूं वितरित की गई है। उपायुक्त ने खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे ग्राम पंचायतों से चयनित उपभोक्ताओं की नवीनत्तम सूचियां एकत्रित करें, ताकि सभी पात्र उपभोक्ताओं को अधिनियम के तहत लाभान्वित किया जा सके। इसके अलावा ग्राम सभा की बैठकों में आम लोगों को इस योजना की जानकारी दें।
डा. ऋचा ने बताया कि जिला में उचित मूल्यों की सभी 440 दुकानों को को पीओएस मशीनें उपलब्ध करवा दी गई हैं। दुर्गम क्षेत्रों की कुछ दुकानों में सिग्नल की समस्या का कड़ा संज्ञान लेते हुए उपायुक्त ने इसके समाधान के लिए हरसंभव कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत जिला के उपभोक्ताओं को फरवरी से जून तक 17 करोड़ 84 लाख रुपये की खाद्य वस्तुएं वितरित की गई हैं।
इसी अवधि में विभाग के अधिकारियों ने व्यापारिक प्रतिष्ठानों के कुल 1104 औचक निरीक्षण किए हैं, जिनमें अनियमितताओं के 127 मामले पाए गए हैं। खाद्य वस्तुओं के 63 सैंपल जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं। कूड़ा-कचरा नियंत्रण आदेश के तहत 233 निरीक्षण किए गए तथा पाॅलीथिन का प्रयोग करने के 17 मामलों में साढे तेरह हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया है। उपायुक्त ने बताया कि हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना के तहत जिला में अभी तक 8181 पात्र महिलाओं को गैस कनैक्शन दिए जा चुके हैं।
अधिकारियों की अनुपस्थिति पर सख्त दिखी उपायुक्त
बैठक में कुछ विभागों के अधिकारियों की अनुपस्थिति पर उपायुक्त ने कड़ा संज्ञान लेते हुए उनके विरूद्ध कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को समितियों में सदस्य होने के नाते बैठकों में उपस्थिति सुनिश्चित करनी चाहिए। ऐसा न करने पर जनमानस से जुड़े अनेक मामलों पर चर्चा नहीं हो पाती और बैठक का उद्देश्य भी पूरी नहीं होता।
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