Friday, March 29, 2024
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नशे से दूर रहें छात्र और सकारात्मक जीवन के लिए स्वस्थ उद्देश्यों को चुने विद्यार्थी


एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के छात्र ओरिएंटेशन कार्यक्रम के दौरान बोले अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीर ठाकुर
शिमला,
स्थानीय एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में मंगलवार से चार दिवसीय नए छात्र ओरिएंटेशन सेशन का आगाज कुलपति (कार्यवाहक) प्रो. डॉ. रमेश चौहान की अध्यक्षता में हुआ। इस सत्र की शुरुआत कुलपति (कार्यवाहक) प्रो. रमेश चौहान ने डीप प्रज्ज्वलित कर की। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो. लखनपाल और शिमला सिटी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीर ठाकुर छात्र ओरिएंटेशन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता रहे। कोविड के करीब एक साल के वक़्त के बाद एपीजी शिमला विश्वविद्यालय का पहला दिन होने की उत्सुकता विद्यार्थियों के चेहरे पर साफ देखी जा सकती थी। विश्वविद्यालय प्रसाशन की ओर से कोविड के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों ने ओरिएंटेशन कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज की। एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार (कार्यवाहक) डॉ. अनिल पाल ने एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में पढ़ाए जा रहे संकायों व पाठ्यक्रमों सहित विश्वविद्यालय के बारे में नए छात्रों को अवगत कराया। कुलपति (कार्यवाहक) प्रो. डॉ. रमेश चौहान ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड महामारी के चलते विश्व ने कई चुनौतियों का सामना किया है उसमें शिक्षा और छात्र भी चुनौतियों का सामना कर रहे है। कुलपति ने कहा कि कोरोना जैसी मानवीय चनौती ने विश्व के लोगों को जीने और काम करने के नए अवसर भी प्रदान किये हैं। उन्होंने कहा कि बेशक कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हो गई है फिर भी कोरोना के प्रोटोकॉल, सरकार और स्वास्थ्य सेवाओं के दिशा-निर्देशों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता क्योंकि सावधानी बरतना बेहतर है क्योंकि अभी कोरोना महामारी पूरी तरह दुनिया से समाप्त नहीं हुई है। कुलपति ने विद्यार्थियों को विश्वास दिलाया कि अभी पहले की भाँति ऑनलाइन पढ़ाई पर केंद्रित किया जाएगा और धीरे-धीरे सोशल दिस्तानसिंग का ध्यान रखते हुए ऑफलाइन क्लासेज पर भी विचार किया जाएगा या ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लासेज दिनों का विकल्प भी रहेगा। मुख्य अतिथि व वक़्ता प्रो. लखन पल ने कोविड महामारी बारे विस्तार से प्रकाश डाला। प्रो. लखन पाल ने अतीत में आई कोरोना जैसी महामारियों का हवाला देते हुए कहा कि महामारियों से घबराना नहीं बल्कि उन से सावधान रह कर और स्वतः विश्वास, सही ज्ञान, प्रति रोधक क्षमता, आध्यात्मिक ज्ञान व स्वच्छता से जीवन को सुगम व खुशहाल बनाया जा सकता है। प्रो. लखन पाल ने विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि विज्ञान के साथ अध्यात्म हमारे अज्ञान को तोड़ता है और हमें सत्य की अनुभूति कराता है। शिमला सिटी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीर ठाकुर ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थी नशे से दूर रहें और सही जीवन के लिए जीवन को पहले चुनें। प्रवीर ठाकुर ने विद्यार्थियों को एक घंटे की प्रेरणादायक चलचित्र के माध्यम से नशे से होने वाले नुकसान पर प्रकाश डाला। उन्होंने विद्यार्थियों को सफलता और असफलता के अंतर बारे विद्यार्थियों को बताया। ठाकुर ने कहा कि सफलता प्राप्त करना आसान है पर असफलता को वश में करना आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि इस अंतर को पाटने में असमर्थ लोग, युवा गलत राह पर चल जाते हैं और उनका जीवन जीने का दृष्टिकोण नकारात्मक अधिक हो जाता है और यही कारण नशाखोरी, चिटा जैसे मादक पदार्थो, अपराध और आत्महत्या जैसे करणो को जन्म देते हैं। प्रवीर ठाकुर ने विद्यार्थियों से प्रश्न पूछकर उनकी पढ़ाई में रुचि संबंधी सवाल भी पूछे और विद्यार्थियों की कई सारी भ्रांतियों को हल किया कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए सही मंज़िल निर्धारित करें और उस ओर सकारात्मक प्रयास करें। ओरिएंटेशन कार्यक्रम के दौरान डीन एकेडेमिक्स प्रो. कुलदीप कुमार, डॉ. अनिल सिंह, डॉ. आनंद मोहन, सभी विभागों के अध्यक्ष, शिक्षक, परीक्षा नियंत्रक, कार्यकारी अधिकारी और गैर-शिक्षक कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की एंकर व संचालिका डॉ. प्राची वैद्य रहीं।

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