Thursday, March 28, 2024
Homeशिक्षामहामारी काल में वितीय संकट व बेरोज़गारी से निपटने के लिए निपुणतापूर्ण...

महामारी काल में वितीय संकट व बेरोज़गारी से निपटने के लिए निपुणतापूर्ण प्रोफेशनल-शिक्षा एक मात्र विकल्प


एपीजी शिमला विश्वविद्यालय की लेक्चर-सीरीज वेबिनार में वक्ताओं ने प्रोफेशनल-शिक्षा में निपुणता को बताया वितीय व बेरोज़गारी संकटों का तोड़
शिमला, कोरोना महामारी के कारण पूरे विश्व में कहीं लॉकडाउन है तो कहीं कोरोना से जंग जारी है जिसके चलते वैश्विक स्तर पर करोडों लोगों ने अपनी नौकरियों से भी हाथ धोना पड़ा है विश्व मानव समुदाय आर्थिक संकट गहरा रहा है। इस आर्थिक संकट और बेरोज़गारी से कैसे उभरा जाए और कैसे दोबारा से बेहतरीन नौकरियों को हासिल किया जाए। इस दिशा में राजधानी शिमला के स्थानीय एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट और कॉमर्स विभाग की ओर से डीन प्रो. डॉ. नील कुमार सिंह के तत्वावधान में महामारी का नौकरियों पर प्रभाव और कैसे सार्वभौमिक योग्यता सफलता की कुंजी है बिषय पर एक दिवसीय वेबिनार आयोजित किया गया जिसमें विश्वविद्यालय के छात्रों सहित शिक्षकों और लोगों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में इंटरनेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन यूनाइटेड किंगडम की ओर से विकास खोसला और निखिल शर्मा ने बतौर मुख्य वक्ता व विषय विशेषज्ञ शिरकत की। कार्यक्रम के उद्धघाटन अवसर पर एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान ने मुख्य वक्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वितीय संकट और फिर से बेहतरीन नौकरियाँ हासिल करने के लिए आम लोगों और युवाओं को स्किल आधारित सार्वभौमिक शिक्षा की योग्यता के माध्यम से रोज़गार के सुनहरे मौके तलाशने चाहिए। मुख्य वक़्ता विकास खोसला ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वितीय संकट और बेरोज़गारी से निपटने के लिए सार्वभौम-योग्यता और इंडस्ट्री-कनेक्ट योग्यता से काबू पाया जा सकता है और इसके साथ लोगों व युवाओं में प्रोफेशनल-स्किल्स शिक्षा का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। खोसला ने कहा कि दूसरे विषयों के साथ लोगों के पास प्रोफेशनल शिक्षा का होना और उसमें निपुण होना आज के दौर में प्रासंगिक हो गया है और महामारी और संकट के इस दौर में प्रोफेशनल शिक्षा ही वितीय और बेरोजगारी के संकट से निज़ात दिला सकती है जो रोज़गार भी दिलाए और रोज़गार-सृजन भी करे। वहीं कार्यक्रम में दूसरे वक़्ता निखिल शर्मा ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि युवा और बेरोजगार लोग भारत में ही रहकर अपनी प्रोफेशनल शिक्षा और उसमें निपुणता के बल द्वारा और इंडस्ट्री-कनेक्ट प्रोग्राम के तहत बेहतरीन रोजगार हासिल कर सकते हैं क्योंकि वितीय संकट और बेरोजगारी से उभरने के लिए ऐसे दौर में निपुण और प्रोफेशनल लोगों की जरूरत है जो संगठन और इंडस्ट्री दोनों को अपनी प्रोफेशनल योग्यता से ऊपर उठा सकते हैं और हर क्षेत्र में इस तरह के प्रोफेशनल और निपुण लोगों की आवश्यकता भी है। डीन प्रो. डॉ. नील कुमार सिंह ने बताया कि इस बर्ष एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में कॉमर्स संकाय में इंटरनेशनल एकाउंटिंग और फाइनेंस क्वालिफिकेशन को बी.कॉमऑनरज में शामिल किया गया है जो कि छात्रों में प्रोफेशनल योग्यता व निपुणता को रोजगार प्राप्त करने में मददगार साबित होगी जिसका हिमाचल प्रदेश के विद्यार्थियों सहित आम विद्यार्थी को लाभ मिलेगा। डॉ. नील कुमार सिंह का कहना है कि आज हम ऐसे दौर से गुज़र रहे हैं जहाँ महामारी से बचाब के साथ-साथ वितीय संकट और बेरोजगारी का सामना भी कर रहे हैं। डॉ. सिंह ने बताया कि आज हमें सामान्य शिक्षा के बजाय निपुण प्रोफेशनल शिक्षा की जरूरत है जो संकट के दौर में भी काम आ सके और दूसरे लोगों को भी रोजगार उपलब्ध करा सके। उन्होंने कहा कि कोरी शिक्षा किसी भी प्रकार के संकट का हल नहीं है शिक्षा रोजगार उन्मुख और संकटों से लड़ने के योग्य बनाने वाली हों क्योंकि हम परम्परागत शिक्षा के माध्यम से किसी भी प्रकार के संकट से उभर नहीं सकते हैं।कार्यक्रम में कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान सहित रजिस्ट्रार डॉ. अनिल कुमार पाल, डीन एकेडेमिक्स डॉ. कुलदीप कुमार, डॉ. कमल कश्यप, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक और अधिकारियों ने भाग लिया।

Most Popular