Saturday, April 20, 2024
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विकास योजना को अंतिम रूप देने से पहले लेने होंगे और सुझाव-गोविंद ठाकुर

रेणुका गौतम
कुल्लू : गांव एवं नगर नियोजन विभाग द्वारा आज देव सदन कुल्लू में अमरूत योजना के तहत कुल्लू शहर के लिये फीडबैक इन्फ्रा गुरूग्राम की परामर्शी सेवा द्वारा तैयार किये गये मास्टर प्लान के प्रारूप पर फीडबैक व सुझाव प्राप्त करने के उद्देश्य से बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता शिक्षा व कला,भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने की।
गोविंद ठाकुर ने कहा कि अमरुत योजना के तहत भुंतर से लेकर कोठी-पल्चान तक के लगभग 82 किलोमीटर लंबेे परिक्षेत्र को शामिल किया गया है। लगभग अढाई किलोमीटर चौड़ाई के इस परिक्षेत्र में वर्ष 2041 तक आबादी के लिये मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने की योजना है। उन्होंने कहा कि पर्यटन जिला की रीढ़ है और यहां अनेक प्रकार की पर्यटन गतिविधियां की जाती हैं जिससे हजारों लोगों की आजीविका जुड़ी है। मास्टर प्लान में विशेषकर साहसिक पर्यटन, धार्मिक पर्यटन और देव संस्कृति को भी ध्यान में रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि परामर्शी ऐजेन्सी ने काफी मेहनत करके मास्टर प्लान का प्रारूप तैयार किया है, लेकिन इसमें अनेक ऐसी विषमताएं अभी हैं जिन्हें और ज्यादा हितधारकों के सुझाव प्राप्त करके दूर किया जा सकता है।
शिक्षा मंत्री ने इस बात पर चिंता जाहिर की कि सड़कों तक अतिक्रमण किये जा रहे हैं। लोगों को अपनी मानसिकता में बदलाव लाना होगा, ताकि भावी पीढ़ियों को गुणवत्तायुक्त जीवन प्रदान करने के बारे में विचार किया जा सके। नगर नियोजन के नियमों की हर स्तर पर उल्लंघना सही नहीं है। ऐसा करने से हमारा नित्य प्रति का जीवन कठिन हो रहा है। वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन पार्किंग के लिये मकानों में जगह नहीं रखी है। अमु्रत योजना के तहत मास्टर प्लान को अंतिम रूप देने तथा इसे जमीन पर उतारने के लिये कुछ कड़े फैसले लेने की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय प्रदेश होने के नाते यहां भूमि की कमी है और ऐसे में बहुमंजिला भवनों के लिये नगर नियोजन को नियम बनाने की जरूरत है। होटल निर्माण के लिये यदि 21 मीटर उंचाई तक की छूट है तो इसमें मंजिलों की संख्या पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए।
गोविंद ठाकुर ने नगर नियोजन विभाग से कहा कि चुने हुए प्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संगठनों तथा विभिन्न एसोसियेशनों के और सुझाव प्राप्त करने के लिये बड़ी कार्यशाला का आयोजन किया जाए। इस संबंध में व्यापक प्रचार प्रसार की जरूरत पर भी उन्होंने बल दिया।
पूर्व सांसद महेश्वर सिंह, नगर परिषद अध्यक्ष गोपाल कृष्ण मंहत, नगर परिषद मनाली के अध्यक्ष चमन कपूर, पार्षद दानवेन्द्र सिंह, होटल एसोसियेशन के अध्यक्ष मुकेश ठाकुर, पूर्व पार्षद तरूण विमल सहित विभिन्न प्रधानों व अन्य बुद्विजीवियों ने प्रारूप योजना में सम्मिलित करने के लिये अनेक सुझाव दिये।
ग्राम एवं नगर नियोजन के राज्य वास्तुकार के.सी. नैन्टा ने लोगों की अनेक शंकाओं का समाधान किया और निर्माण नियमों तथा अमु्रत योजना के तहत बनाए जा रहे मास्टर प्लान के बारे में जानकारी दी।
फीडबैक इन्फ्रा गुरूग्राम कन्सलटेंसी के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार ने अमु्रत योजना के तहत कुल्लू शहर के लिये तैयार किये गए मास्टर प्लान के प्रारूप की विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि अगले 20 सालों तक आबादी के मद्देनजर कुल्लू-मनाली के लिये ढांचागत सुविधाओं का सृजन किस प्रकार का हो, इसपर गहन विचार-विमर्श के बाद प्रारूप को अंतिम रूप दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रारूप को अनेक बैठकों और सुझावों के बाद तथा जमीनी स्तर पर आंकड़े एकत्र करके एक विस्तृत अध्यन के उपरांत तैयार किया गया हैै। योजना के तहत कुल्लू व मनाली दो शहरों सहित 41 गांवों को शामिल किया गया है। वर्ष 2018 की 2.45 लाख की आबादी में अगले 20 सालों में एक लाख और जमा होगी, इस आंकडे़ के आधार पर योजना तैयार की जा रही है। योजना में ठोस कचरा प्रबंधन, मल निकासी, पेयजल सुविधा, सड़कों व पार्किंग की व्यवस्था, अनछूए पर्यटन गंतव्यों को विकसित करना तथा शहरों का सौंदर्यीकरण को प्रमुखता के साथ सम्मिलित किया गया है।
जिला ग्राम एवं नगर नियोजक रसिक शर्मा ने स्वागत किया तथा अमु्रत योजना के बारे में जानकारी दी।
अतिरिक्त उपायुक्त शिवम प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक गुरदेव शर्मा, जिला भाजपा अध्यक्ष भीमसेन, महामंत्री अखिलेश कपूर, एफसीआई सदस्य अमित सूद सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति, विभिन्न विभागों के अधिकारी व अन्य हितधारक बैठक में मौजूद रहे।

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