शिमला,
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने श्रम एवं रोजगार विभाग को डाटा डिजिटाइजेशन और आधुनिक तकनीकों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग की सभी गतिविधियों का डिजिटाइजेशन शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए ताकि विभिन्न क्षेत्रों में कुशल व्यक्तियों का डाटा ऑनलाइन उपलब्ध हो और रोजगार के अवसरों तक उनकी पहुंच आसान हो सके।
मुख्यमंत्री ने विभाग की कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए बताया कि बीते दो वर्षों में राज्य सरकार ने 39,220 रोजगार उपलब्ध करवाए हैं, जिनमें से 13,704 नौकरियां सरकारी क्षेत्र में दी गई हैं। इसके अतिरिक्त, रिक्त पदों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया भी जारी है।
उन्होंने राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना का जिक्र करते हुए कहा कि परिवहन विभाग द्वारा ई-टैक्सी खरीदने पर अनुदान के लिए 121 अभ्यर्थियों की संस्तुति की गई है। इन टैक्सियों को सरकारी विभागों से जोड़ा जाएगा और ई-टैक्सी मालिकों को सुनिश्चित आय प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार पहले चरण में 200 ई-टैक्सी परमिट देने की योजना बना रही है। यह पहल पर्यावरण संरक्षण और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के उद्देश्य से की जा रही है। उन्होंने पर्यटन को राज्य की अर्थव्यवस्था का आधार बताते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण सतत् विकास के लिए बेहद जरूरी है।
उन्होंने प्रशिक्षित श्रमशक्ति को विदेश में रोजगार दिलाने के प्रयासों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार ने दुबई स्थित ईएफएस फेसिलिटी सर्विस के साथ समझौता किया है। इसके तहत प्रदेश के पांच युवाओं को सऊदी अरब में रोजगार मिला है। मुख्यमंत्री ने विदेश में काम कर रहे युवाओं की सुरक्षा और निगरानी सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश दिए।
बैठक में श्रम एवं रोजगार सचिव प्रियंका बासु इंगटी, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, श्रम एवं रोजगार आयुक्त वीरेंद्र शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।