एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के वेबिनार में बोले एमिटी विश्वविद्यालय के कुलपति
शिमला,
प्रत्येक चुनौती अपने साथ कुछ नए अवसर भी लाती है, जरूरत है उन अवसरों को पहचानने और उनका लाभ उठाने की। स्थानीय एपीजी शिमला विश्वविद्यालय की ओर से मंगलवार को ‘प्रारब्ध-2020’ विषय पर विशेष वेबिनार आयोजित किया गया। वेबिनार का सुभारम्भ एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रमेश कुमार चौधरी की अगुवाई में किया गया। इस वेबिनार में एमिटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी.बी. शर्मा (पूर्व कुलपति डीटीयू) ने बतौर वशिष्ठ मुख्यातिथि शिरकत कर वेबिनार में शामिल एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के छात्रों व शिक्षकों को ‘एडवांटेज टेक्नोलॉजी व डिजिटल टेक्नोलॉजी’ विषय पर विशेष संदेश दिया। छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए प्रो. पीबी शर्मा ने कहा कि हम जानते हैं कि दुनियाभर में युवा, महिलाएं और पुरुषों जिनके पास नए और अभिनव विचार हैं, जिनके पास टेक्नोलॉजी है जिसके जरिए कोविड जैसी महामारी का मुकाबला कर सकते हैं, लेकिन उन विचारों व अन्वेषणों को फलीभूत करने के लिए उन्हें सहारे व मार्गदर्शन की जरूरत है। प्रो.शर्मा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि भारत डिजिटल क्रांति और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है जिसके पीछे देश की युवाशक्ति काम कर रही है और विश्वविद्यालयों को छात्रों के एडवांटेज टेक्नोलॉजी के ज्ञान में अधिक बढ़ोतरी कर ज्ञान हासिल करने के लिए नए अवसर करने चाहिए और उन्हें प्रकृति के साथ भी तालमेल बैठाना सिखाना चाहिए। प्रो. पीबी शर्मा ने एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमेश कुमार चौधरी की प्रशंसा करते हुए कहा कि इनके कुशल नेतृत्व में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय उच्च टेक्नोलॉजी और अनुसंधान व रोजगारनमुख शिक्षा प्रदान करने में आगे बढ़ रहा है और साथ ही विश्वविद्यालय को शिमला की प्रकृति ने चिंतनशीलता व अध्ययन के लिए अनूठे प्राकृतिक सोपान दिए हैं। प्रो. शर्मा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि डिजिटल लर्निंग समूहों में औपचारिकता और अनौपचारिकता दोनों सीखने के साथ-साथ सेल्फ-लर्निंग मोड के लिए एक व्यापक कैनवास प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि भारत को कनेक्टिविटी, इंटरनेट, टेक्नोलॉजी व डिजिटल सिस्टम में गहरी पैठ है और इस प्रकार भारत शानदार एडवांटेज आईटी बन रहा है और उससे भारत की युवा पीढ़ी आत्मनिर्भर होकर जॉब सृजन करने में सफल होंगे! प्रो. पीबी शर्मा ने कहा कि हमारी तत्काल प्राथमिकता और उसके बाद हमारे युवा भारत के लिए पच्चीस साल की आयु में छः सौ छियासठ मिलियन से अधिक लाभ कमाने के लिए एडवांटेज आईटी का उपयोग करना चाहिए और इस कार्य के लिए राष्ट्र और समाज की बेहतरी के लिए सभी को अपना सर्वोत्तम कार्य करना होगा ताकि टेक्नोलॉजी से बेहतर इंसान भी बनें और मानव संसाधनों में भी सकारात्मक विकास हो सकें। एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमेश कुमार चौधरी ने मुख्यतिथि प्रो. पीबी शर्मा का वर्चुअल स्वागत करते हुए कहा कि प्रो. पीबी शर्मा देश के प्रख्यात टेक्नोलॉजी विद्वान हैं, शिक्षाविद हैं, एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों का मार्गदर्शन करने के लिए उनका धन्यवाद किया। कुलपति प्रो. चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि आज ऑनलाइन सिस्टम व डिजिटल टेक्नोलॉजी को और बेहतर करने की जरूरत है ताकि छात्रों को न केवल शैक्षणिक कार्यों के लिए इस इस्तेमाल करना है बल्कि इसे विकसित समाज व राष्ट्र के उत्थान के लिए भी किया जाना चाहिए और इस दिशा में विश्वविद्यालय में गहन अध्ययन के लिए बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है। इस वेबिनार के दौरान डॉ. रमेश चौहान डीन जर्नलिज्म ने भी अपने विचार सांझा किए और डॉ. नील कुमार सिंह डीन मैनेजमेंट ने धन्यवाद प्रस्ताव पढ़कर सभी वक्ताओं और मुख्यतिथि का धन्यवाद किया। वेबिनार में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार आर.के. कायस्थ, डॉ. आनंद मोहन डीन इंजीनियरिंग, डॉ. अनिल पाल और विजिटिंग प्रो. राकेश शर्मा भी मौजूद रहे है और प्राची वैद कार्यक्रम की संचालिका रही।
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