रेणुका गौतम, कुल्लू : कृषि विभाग हिमाचल प्रदेश में चल रहे फसल विविधीकरण परियोजना, जायका चरण-दो, कुल्लू द्वारा विकास खंड कुल्लू के गाँव नरैणी में फार्म प्रबंधन के अन्तर्गत एक दिवसीय फार्म प्रबंधन और बहीखाता (farm management and book keeping) प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें कुल 35 किसानों ने भाग लिया।
इस कृषक प्रशिक्षण शिविर में खंड परियोजना अधिकारी कुल्लू प्रदीप ठाकुर ने किसानों को फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना की मुख्य विशेषताएँ, प्रावधान व इसके उद्देश्यों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की।
इस प्रशिक्षण में किसानों के साथ परियोजना के अधिकारियों द्वारा कृषि, बागवानी, पशु पालन, कृषि विपणन व खाद्य प्रसंकरण के क्षेत्र में किसानों द्वारा रिकार्ड रखने के महत्व के बारे में तथा किसानों के अन्य मुद्दों, जरूरतों व चुनौतियों के बारे में चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि किस तरह कृषि के क्षेत्र में आय और व्यय का हिसाब लिखित रूप में रखना एक अच्छे फार्म प्रबंधन के लिए जरूरी है।
गौरतलब है कि फसल विविधीकरण परियोजना, कृषि के क्षेत्र में आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से फसल विविधीकरण, लघु सिंचाई सुविधाओं के विकास और सुधार, डेयरी, मधुमखी पालन, शीटाके मशरूम की खेती के माध्यम से आजीविका में सुधार, किसानों का सिंचाई एवं बाजार आधारित फसलोत्पादन में क्षमता निर्माण आदि के क्षेत्र में कार्य कर रहा है।
परियोजना में कुल्लू तथा लाहौल में अब तक कुल मिलाकर 22 उप-परियोजनाओं का चयन किया गया है। जिसमें लघु सिंचाई विकास से किसानों के खेतों तक नियमित रूप से सिंचाई सुनिश्चित करवाना, कृषि प्रसार व विकास गतिविधियों को बढ़ावा देना, मूल्य श्रृंखला प्रबंधन व कृषि विपणन और संस्थागत विकास के क्षेत्र में कार्य किया जाएगा।