शिमला : कोरोना के बीच हिमाचल प्रदेश के 15 हजार अस्थाई शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट सेे राहत भरी खबर आई है। सुप्रीम कोर्ट ने सूबे के 15 हजार पीटीए, पैट और पैरा शिक्षकों की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं रद्द कर दी हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 9 दिसंबर 2014 को दिए गए हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर दो में इस मामले की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आज फैसला सुनाया गया। इससे पहले 30 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई पूरी हो गई थी। कोर्ट ने मामले पर फैसला सुरक्षित रखते हुए हिमाचल सरकार से एक सप्ताह के भीतर सभी श्रेणियों के शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता का ब्योरा देने के आदेश दिए थे। फरवरी में सरकार ने मामले से जुड़ी सारी जानकारी कोर्ट में दे दी थी। नौ दिसंबर 2014 को हिमाचल हाईकोर्ट ने अस्थाई शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया था। फैसला आने के बाद राज्य सरकार ने 10 साल का सेवाकाल पूरा कर चुके पैरा शिक्षकों को नियमित किया था।
सात साल का कार्यकाल पूरा कर चुके पीटीए शिक्षकों को अनुबंध पर लाया था। 22 जनवरी 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर यथा स्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नियमित की राह ताक रहे अस्थाई शिक्षकों को अब चरणबद्ध तरीके से नियमित करना पड़ेगा।