Thursday, November 21, 2024
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ए.डी.बी. प्रोजेक्ट के तहत ऑल वेदर आइस स्केटिंग रिंक बनाया जाएगा एशिया का सबसे पुराना स्केटिंग रिंक शिमला

शिमला : ऐतिहासिक आइस स्केटिंग रिंक में शुक्रवार को ट्रायल नहीं हो पाया। सुबह के समय बादल छाने की वजह से रिंक में बर्फ की परत नहीं जम पाई। इस कारण आइस स्केटिंग क्लब प्रबंधन ट्रायल प्रक्रिया अमल में नहीं ला पाया। अब आगामी दिनों में मौसम साफ होने पर ट्रायल किया जाएगा। ऐसे में क्लब प्रयास करेगा कि 2 से 4 दिनों में बर्फ की परत जमाकर आइस स्केटिंग सत्र शुरू करेगा।
शुक्रवार को पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए आइस स्केटिंग क्लब के सचिव मनप्रीत सिंह सेंबी ने कहा कि शुक्रवार को सुबह ट्रायल की योजना थी, लेकिन बादल छाने के कारण बर्फ की परत नहीं जमी। ओपर एयर आर्टिफिशल आइस स्केटिंग रिंक होने के चलते अभी भी प्राकृतिक रूप से बर्फ रिंक में जमाई जाती है, लेकिन अब प्रयास किए जा रहे हैं कि रिंक को ऑल वैदर आइस स्केटिंग रिंंक बनाया जा सके। इसके लिए ए.डी.बी. फंडिड प्रोजैक्ट के तहत इस रिंक को जीर्णोद्धार होगा। इसके लिए डी.पी.आर. तैयार हो गई है और अब टैंडर प्रक्रिया शुरू हुई। जल्द यह प्रक्रिया पूरी होगी। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि अगले वर्ष के मध्य में रिंक को ऑल वैदर आइस स्केटिंग रिंंक बनाने का कार्य शुरू हो जाएगा। उन्होंने प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि रिंक को ऑल वैदर आइस स्केटिंग रिंक बनाने के लिए कार्य को जल्द शुरू करे ताकि प्रदेश के प्रतिभावान स्केटर्स और देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को यहां साल के 12 महीने आइस स्केटिंग का मौका मिले। 45 करोड़ की लागत से इस प्रोजैैक्ट पर कार्य होगा। इसमें यहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मानकों के आधार पर रिंक का विस्तार किया जाएगा। इसके अलावा यहां पर रैफ्रिजरेशन प्लांट स्थापित करने के अलावा अन्य सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी।
पत्रकार वार्ता के दौरान संगठन सचिव पंकज प्रभाकर, कोषाध्यक्ष रमनीक गोयल, सदस्य अभय डोगरा, रजत मल्होत्रा, जय देव शर्मा, सुदीप महाजन व चेतन सूद मौजूद रहे।

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