कहा गृहमंत्री, रक्षा मंत्री, सड़क परिवहन मंत्री और मुख्यमंत्री से मदद मांगी तब प्रभावितों तक चॉपर से पहुंचा राशन
रेणुका गौतम, कुल्लू : पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आज आनी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और प्रभावित लोगों से मिले। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आनी में एक साथ कई इमारतें गिरने से बड़ा नुक़सान हुआ है, लोग अपने जीवन भर की कमाई लगाकर घर बनाते हैं। राहत की बात यह है कि इस हादसे में कोई जानी नुक़सान नहीं हुआ है। लोगों ने ख़तरे के ज़द में आने वाली इमारतों को ख़ाली कर दिया था। इस तरह की प्रक्रिया पहले भी अपनाई जानी थी। जहां भी किसी प्रकार जा ख़तरा था, उसका निपटारा बारिश के पहले करना चाहिए था।
उन्होंने प्रदेश की वर्तमान सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार इस तरह की तैयारियां पहले करती तो बहुत सी जाने बचाई जा सकती थी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा पहली बार प्रदेश में राशन की कमी हुई। सड़कें बंद होने से लोगों तक राशन नहीं पहुंच पाया। हेलीकॉप्टर से राशन पहुँचाने के लिए हमने गृहमंत्री, रक्षा मंत्री, सड़क परिवहन मंत्री और मुख्यमंत्री से बात की। सरकार राहत के कार्य में तेज़ी लाए। इस मौक़े पर उनके साथ आनी के विधायक लोकेंद्र और आनी मण्डल के अध्यक्ष अमर के साथ अन्य पदाधिकारी कार्यकर्ता और स्थानीय लोग उपस्थित थे।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस बार की बारिश में लोगों को बहुत नुक़सान हुआ है। फसलें बर्बाद हो गई, खेत बह गए, बाग़ के पेड़ उखड़ गये। जो कुछ बच गया था, वह भी बर्बाद हो रहा है। सड़के बंद होने की वजह से ज़्यादातर लोग अपनी बची हुई फसल भी बाज़ार तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। ऐसे में लोगों को मजबूरन उन्हें नदी नालों में फेंकना पड़ रहा है। ग्रामीण इलाक़ों की अर्थव्यवस्था का आधार ही कृषि है। लोग फसलों को उगाने में बहुत मेहनत करते हैं और लागत लगाते हैं। लोगों की लागत तक बर्बाद हो गई है। आपदा से लोगों को दोहरी मार पड़ी हैं। मैं सरकार से निवेदन करता हूँ कि इस दिशा वह इस दिशा में भी सोचे और लोगों को राहत प्रदान करने का काम करें। हम सरकार के साथ हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार को प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। लोगों को आपदा में वह राहत नहीं मिल रही जिसका सरकार दावा कर रही है। पचास किलोमीटर के दायरे में सरकार ने एक मशीन लगाई है और जबकि सड़कें बीसों जगह से टूटी हैं। इस तरह से काम करने से चीजें सही नहीं हो पाएगी। इसके लिए युद्ध स्तर पर काम करना पड़ेगा। सरकार और मशीनें लगाने प्रदेश में मशीनों की कोई कमी नहीं हैं।