देहरादून दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में एसआईटी ने नया खुलासा किया है। जिले में छात्रवृत्ति के लाखों रुपये हड़पने के लिए दलालों ने सामान्य जाति के विद्यार्थियों के एससी और ओबीसी प्रमाणपत्र बना दिए। इसके बाद शैक्षिक संस्थानों से साठगांठ कर घोटाले को अंजाम दिया। फर्जी प्रमाणपत्रों में तहसीलदार और पटवारी की मुहर के साथ उनके हस्ताक्षर भी हैं। ऐसे में संबंधित तहसीलदार और पटवारी भी जांच के दायरे में आ सकते हैं। ऊधमसिंह नगर जिले के तीन हजार से अधिक एससी-एसटी और ओबीसी छात्र-छात्राओं का बाहरी कॉलेजों में दाखिला दिखाकर करोड़ों की छात्रवृत्ति हड़प ली गई थी। फर्जीवाड़ा सामने आने पर एसआईटी अब तक 2900 से अधिक छात्र-छात्राओं के दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन कर चुकी है। 1500 से अधिक छात्र-छात्राओं के नाम पर फर्जीवाड़ा सामने आ चुका है। हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, मध्यप्रदेश और राजस्थान के शैक्षिक संस्थानों ने दलालों के साथ मिलकर विद्यार्थियों के दाखिले कराए थे। बाहरी राज्यों की जांच पूरी होने से पहले घोटाले में नया मामला उजागर हुआ है। जसपुर और बाजपुर के दलालों ने सामान्य वर्ग के 30 से अधिक विद्यार्थियों के एससी-ओबीसी प्रमाणपत्र बनाकर अलग-अलग कोर्स के नाम पर लाखों रुपये हड़प लिए। इसका खुलासा तब हुआ, जब एसआईटी ने छात्रों के पते पर जाकर पूछताछ की। विद्यार्थियों ने बताया है कि वे सामान्य वर्ग के हैं। उन्हें छात्रवृत्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं है। जिन खातों में छात्रवृत्ति के रुपये डाले गए हैं, वे खाते भी उनके नहीं हैं। एसआईटी सूत्रों के अनुसार बनाए गए फर्जी प्रमाणपत्रों में तहसीलदार और पटवारी की मुहर के साथ उनके हस्ताक्षर भी हैं। हस्ताक्षर का मिलान कर संबंधित तहसीलदार और पटवारी से भी पूछताछ की जाएगी। घोटाले में लिप्त बाहरी राज्यों के 39 शैक्षिक संस्थानों और 55 दलालों के खिलाफ जिले के विभिन्न थाना-चौकियों में केस दर्ज किए गए हैं। जसपुर के दो सरकारी शिक्षकों समेत 15 दलालों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। जसपुर और बाजपुर से जेल भेजे गए दलालों ने मिलकर सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के एससी-ओबीसी प्रमाणपत्र बनाए हैं। एसआईटी सूत्रों के अनुसार तहसीलों में काम करने वाले दलालों ने तहसीलदार और पटवारी की फर्जी मुहरें बनाईं हैं। छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल अधिकतर दलाल अलग-अलग तहसीलों में दलाली करते हैं। बाजपुर के राजेंद्र नाम के व्यक्ति के पास से एसआईटी ने फर्जी मुहरें बरामद कीं हैं। इसके अलावा, कुछ अन्य दलाल भी एसआईटी के रडार पर हैं। एसआईटी प्रभारी देवेंद्र पींचा ने बताया कि बाहरी राज्यों के शैक्षिक संस्थानों ने छात्रवृत्ति आवंटन में करोड़ों रुपये का घोटाला किया है। एसआईटी ने गड़बड़ी मिलने पर शैक्षिक संस्थानों और दलालों पर मुकदमा दर्ज कराया है। सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के एससी-ओबीसी प्रमाणपत्र बनाकर लाखों रुपये का घोटाला किया गया है। प्रमाणपत्रों में तहसीलदार और पटवारी की मुहरें लगीं हैं, जांच जारी है।
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