Saturday, April 20, 2024
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“द सोमाली दरविश” के निर्देशक अमर स्नेह पर बनी फेस्टिवल डॉक्यूमेंट्री

मृगेंद्र पाल

बॉलीवुड ब्रेकिंग, गोहर (मंडी) 34 साल पहले मेगा बजट की सबसे बड़ी सोमालियाई अंग्रेजी फिल्म अन्तर्राष्ट्रीय बहुभाषी फिल्म “द सोमाली

दरविश” (1985) को भारतीय फिल्म निर्देशक अमर स्नेह ने निर्देशित किया था, आज यह युद्ध फिल्म हॉलीवुड में सिनेमा के छात्रों और विद्वानों के लिए एक अकादमिक शोध विषय बन गया है। इस पर डॉक्यूमेंटरी की शूटिंग के लिए कैलिफोर्निया से भारत पधारे अमेरिकी फिल्मकार मार्क ब्रेके ने सोमालियाई सिनेमा पर अमर स्नेह के साथ डॉक्यूमेंटरी फिल्म की शूटिंग की। श्री मार्क ने कहा कि यह ऐतिहासिक डॉक्यूमेंटरी यूनेस्को विश्व सिनेमा धरोहर के रूप में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाया जा

पुरानी यादें हुईं ताज़ा: “द सोमाली दरविश” से जुड़ी पुरानी यादों को ताज़ा करने के लिए इस ऐतिहासिक डॉक्यूमेंट्री फिल्म की शूटिंग उसी फिल्मालय स्टूडियो, मुंबई में की गई जहां 1984 में उस फिल्म के पोस्ट प्रोडक्शन का काम हुआ था। इसकी लंबी शूटिंग में अमर स्नेह के विस्तृत इंटरव्यू के आलावा उनकी कार्यशैली, कहानी कहने का उनका तरीका और फिल्म निर्माण के सभी पहलुओं को दर्ज किया गया जो अब सोमालियाई यूनेस्को की विश्व विरासत सिनेमा के इतिहास के हिस्से के रूप में संरक्षित हो गया है।

द सोमाली दरविश फिल्म निर्देशक श्री अमर स्नेह

ऐसे हुई कहानी शुरू: इस डॉक्यूमेंट्री इंटरव्यू में अमर स्नेह बताते हैं, “जब यह प्रोजेक्ट मेरे पास आया, तो उसके लिए एक ऐसे निर्देशक की आवश्यकता थी, जो एक अच्छा प्रशिक्षक भी हो, जो एक मल्टी स्टारर और बहु-भाषाई फिल्म को निर्देशित करने के अलावा, सोमालियाई मल्टी कैरेक्टर फिल्म को संभाल सके और फिल्म के अभिनेताओं और पात्रों को तैयार कर सके। इसलिए, सबसे पहले मैंने इसकी स्क्रिप्ट पढ़ा तो मुझे यह बहुत दिलचस्प लगा, इसलिए मैंने कहा कि हाँ, मैं यह फिल्म जरूर करूंगा।”

विराट कैनवास की फिल्म: 4 घंटे और 40 मिनट लंबी इस फिल्म में सोमाली, अरबी, इतालवी, अंग्रेजी सहित सात भाषाओं में संवाद हैं। फिल्म में मोहम्मद अब्दुल्ला हसन (मैड मुल्ला) के एक वंशज को इसके स्टार के रूप में शामिल किया गया और इसमें सोमालिया क्रांति के कई प्रतिभागियों के साक्षात्कार शामिल थे। “हमें शूटिंग में लगभग पांच महीने लगे और ग्यारह महीने के भीतर फिल्म रिलीज़ होने के लिए तैयार थी। हमने भारत में भी दो शॉट्स लिए और इसमें 16 देशों और 16 भाषाओँ के लगभग 100 से अधिक अभिनेताओं ने इसकी शूटिंग में हिस्सा लिया, जिनमें से प्रत्येक ने विभिन्न मुख्य भूमिकाओं के लिए अभिनय किया और हजारों की स्थानीय भीड़ को फिल्माया गया। यह फिल्म सोमालियाई सरकार द्वारा निर्मित की गई थी, हमने लगभग 100 घोड़ों और 50-60 ऊंटों का इस्तेमाल किया और एक साथ इतने जानवरों को लंबे समय तक सोमालिया जैसे रेगिस्तानी इलाके में रख-रखाव एक बड़ा चुनौती पूर्ण कार्य था।”

घुड़सवार गायब हो जाते : गज़ब की वाकपटुता के धनी अमर स्नेह बातचीत में हर तीसरी बात में तंजभरी चुटकी ले लेते हैं, उन्होंने फिल्म की शूटिंग के बारे में कहा, “जब घुड़सवार शूटिंग कैमरे से बाहर निकलते थे तो वे कभी भी शॉट्स में वापस ही नहीं आते थे। हम इंतजार ही करते रहते लेकिन वे अगले दिन ही मिलते और जब पूछा जाता कि तुम शॉट पर वापस क्यों नहीं लौटे, तो वे कहते कि हम दुश्मन का पीछा करते-करते बहुत दूर निकल गए लेकिन दुश्मन नहीं मिला।”यह सुनकर सभी हंसी पड़ते हैं।

कौन हैं अमर स्नेह: अमर स्नेह जाने-माने लेखक, फिल्म निर्देशक, अभिनेता, ट्रेनर और भारत के अनुभवी ड्रामा आर्टिस्ट हैं। उन्होंने लगभग पिछले 50 वर्षों में अधिक समय तक फिल्म, टीवी, थियेटर, रेडियो में काम किया। उन्होंने कई फिल्मों और टीवी धारावाहिकों को लिखा और निर्देशित किया है. उन्होंने भारत के पहले आदिवासी नायक, बिरसा मुंडा जिन्हें ट्राइबल्स गॉड के रूप में जाना जाता है पर एक ऐतिहासिक फिल्म का निर्देशन भी किया है। उन्होंने फीचर फिल्म “द सोमाली दरविश” को निर्देशित किया है जिसे उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि माना जाता है।

खोई-पाई परीकथा: “द सोमाली दरविश” फिल्म का निर्देशन अमर स्नेह ने किया था, न कि सईद सलहा ने जैसा कि मीडिया के कुछ हिस्सों में लिखा गया और फिल्म कभी गायब नहीं हुई. फिल्म के निर्देशक अमर स्नेह का कहना है कि उनकी फिल्म और मेरे सम्बन्ध में मीडिया में जो खबर चली वह सही नहीं है। उन्होंने बताया कि सईद सालाह जिनको निर्देशक बताया गया इस फिल्म के लेखक थे अमर स्नेह निर्देशक। सोमालियाई लेखक प्रोफ़ेसर सईद सालाह जिनको लेखक की जगह निर्देशक लिखा गया वह सोमालिया की बजाय आजकल कैलिफ़ोर्निया में ही रहते हैं और इस अमेरिकन डॉक्यूमेंट्री फिल्म की टीम का हिस्सा थे.

रील की असली तस्वीर: हो सकता है सोमालिया के गृहयुद्ध में इसके कुछ प्रिंट नष्ट हो गए हों लेकिन मूल प्रिंट तो आज भी बॉम्बे लैब में संरक्षित है और हम (लेखक सईद सालाह और मैं) बॉम्बे लैब के जीएम श्री वाडिया के संपर्क में हैं। अमर स्नेह के पास द सोमाली दरविश के निर्देशक होने के सभी दस्तावेज मौजूद हैं. डॉक्यूमेंट्री फिल्म की शूटिंग के लिए भारत आए अमेरिकी फिल्मकार मार्क ब्रेके के साथ उनकी टीम में क्रिएटिव डायरेक्टर नाइजेल वॉकर और सोमालियाई लेखक सईद सालाह खुद निर्देशक अमर स्नेह के साथ इंटरव्यू की शूटिंग के दौरान फिल्मालय स्टूडियो में मौजूद थे.

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