ऊना : जिला मुख्यालय के वार्ड नंबर 2 स्थित गुरुसर मोहल्ला के रहने वाले संजीव शर्मा का शव साढ़े 3 माह के बाद सऊदी अरब से भारत लाया गया। जहां सनातनी रीति रिवाज के बीच उनके शव का अंतिम संस्कार किया गया। संजीव शर्मा की तीनों बेटियों ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। गौरतलब है कि संजीव कुमार शर्मा पिछले 23 वर्षों से सऊदी अरब में नौकरी कर रहे थे। करीब 3 साल पूर्व ही वह परिवार के साथ छुट्टी बिताकर सकुशल सऊदी अरब लौटे थे। लेकिन इसी बीच दिसंबर 2020 में सऊदी अरब में उनकी तबीयत बिगड़ गई। जिंदगी और मौत के बीच झूलते संजीव ने 24 जनवरी 2021 को सऊदी अरब में ही दम तोड़ दिया। संजीव की मौत की खबर मिलने के बाद गमगीन परिवार ने शव को भारत लाए जाने की मांग को लेकर कई दरवाजों पर दस्तक दी। लेकिन इसी बीच 18 फरवरी 2021 को सऊदी अरब में संजीव के शव पर मुस्लिम का टैग लगा कर उन्हें दफन कर दिया गया। मामले की सूचना परिवार को मिलते ही परिजन क्षुब्ध हो गए। उन्होंने शव को भारत लाए जाने की मांग को लेकर प्रदेश और केंद्र सरकार के समक्ष बात उठाई। लेकिन समय बीतने के साथ जब शव को भारत लाए जाने की संभावना क्षीण होती हुई थी की तो उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। अंतत: स्थानीय प्रशासन के प्रयासों और कोर्ट के हस्तक्षेप के बीच 12 मई को शव भारत लाया गया। जहां ऊना जिला मुख्यालय के शमशान में तीनों बेटियों ने पिता की चिता को मुखाग्नि देकर अंत्येष्टि की। संजीव शर्मा की बेटी नैंसी शर्मा ने पिता के शव को भारत लाने में उनकी मदद करने वाले सभी लोगों का आभार जताया। नैंसी शर्मा ने जिला प्रशासन, प्रदेश और केंद्र की सरकार के साथ-साथ दिल्ली हाईकोर्ट और स्थानीय मीडिया कर्मचारियों का भी इस मुहिम को शुरू करने के लिए शुक्रिया अदा किया।
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