Friday, March 29, 2024
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चंदन कृषि-वानिकी प्रणाली के लिए एक आदर्श प्रजाति,किसान बढ़ा सकते अपनी आय -विश्वनाथन

शिमला: हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान, शिमला द्वारा भारत की स्वतन्त्रता की 75 वीं  वर्षगांठ  के उपलक्ष्य में भारत का अमृत महोत्सव के  अंतर्गत 10 नवम्बर, 2021 को  संस्थान के सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसका मुख्य उद्देश्य हिमाचल प्रदेश में चन्दन के पौधरोपण की संभावनाएँ  विषय पर चर्चा करना था ।  इस कार्यक्रम में संस्थान केवैज्ञानिकों, अधिकारियों  और शोधार्थीयों सहित 80 प्रतिभागियों ने भाग लिया तथा अनुसंधान  केन्द्रों में  कार्यरत  कर्मचारियों ने ऑनलाइन माध्यम से भाग  लिया ।  डॉ. एस.एस. सामंत,निदेशक,हिमालयन  वन अनुसंधान संस्थान शिमला ने  कार्यक्रम  के मुख्य वक्ताडॉ॰ श्याम विश्वनाथन, निदेशक, केरल  वन अनुसंधान संस्थान त्रिशूर, केरल का स्वागत किया उन्होनें बताया कि चन्दन एक महत्वपूर्ण वृक्ष प्रजाति है,इसे  उगाकर प्रदेश की आर्थिकी में महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है । उन्होनें बताया  कि शिवालिक क्षेत्र चन्दन के लिए उपयुक्त है । 

डॉ. जगदीश सिंह,वैज्ञानिक-एफ॰,प्रभागाध्यक्ष, विस्तार प्रभाग ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया एवं अमृत महोत्सव के इस कार्यक्रम के  उद्देश्य के बारे में जानकारी दी।डॉ॰ विश्वनाथन, निदेशक केरल  वन अनुसंधान संस्थान त्रिशूर, केरल ने चंदन  वृक्ष पर विस्तृत व्यख्यान दिया जिसमे उन्होनें चन्दन के प्राकृतिक वितरण,  पेड़ को उगाने की पर्यावरनीय जरूरतों,नर्सरी और प्रबंधन तकनीकपर जानकारी सांझा की ।

उन्होनें बताया कि देश में लगभग 9000 वर्ग किलोमीटर में चन्दन के जंगल हैं जिसमें  से सबसे अधिक  कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों में पाये जाते हैं । इसके अलावा चन्दन केरल, महाराष्ट्र , ओड़ीशा और  उत्तर प्रदेश में  भी पाया जाता है । चन्दन प्राकृतिक वास में 650 से 1200 मीटर की  ऊंचाई तक उगता है । जिन क्षेत्रों में पानी खड़ा होता हैं वहाँ इसे नहीं उगाया जा सकता है ।उन्होंनें कहा कि चंदन कृषि-वानिकी प्रणाली के लिए एक आदर्श प्रजाति है तथा बाजार में इस लकड़ी की कीमत 14000 से 32000 प्रति किलोग्राम है । चन्दन तेल  वैश्विक बाज़ार में पाँच लाख प्रति लीटर बिकता है ।अतः चन्दन को उगाकर किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं । उन्होनें बताया कि चन्दन की नर्सरी  तैयार करने के लिए उच्च  गुणवता के बीजों का उपयोग करना चाहिए।चन्दन उगाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण  यह है कि यह प्रजाति अन्य होस्ट/सह प्रजातियों के साथ ही उगती है । उन्होनें आगे बताया कि जिस तरह से देश के अन्य भागों में चन्दन उगाने के प्रयास हुये हैं,इसी तरह इसे हिमाचल प्रदेश में भी उगाया जा सकता हैं । डॉ॰ संदीप शर्मा, वैज्ञानिक जी एवं समूह समन्वयक अनुसंधान ने हिमाचल प्रदेश में चन्दन वृक्ष उगाने  की संभावनाओं के बारे में बताया।

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