धर्मशाला : पहाड़ पर अपनी भेड़ बकरियों को चरा रहे एक चरवाहे को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। भेड़ पालक की सौ से अधिक भेड़-बकरियां अज्ञात बीमारी की चपेट में आकर मर गई हैं , वहीं कुछ भेड़ बकरियां बीमार हैं। पशुपालन विभाग की टीम ने भी भेड़ों व बकरियों की जांच कर उन्हें दवाई दी है, लेकिन चरवाहे के मुताबिक भेड़-बकरियों के मरने का क्रम जारी है। बताया जा रहा है कि खनियारा निवासी चरवाहा बालम राम पुत्र रोशन लाल ने थातरी गांव से ऊपर के पहाड़ ज्वाला में अपनी भेड़ बकरियों को चराने के लिए रखा है। बालम राम ने बताया कि उसके पास दो सौ से अधिक भेड़-बकरियां थीं। अज्ञात बीमारी के कारण भेड़-बकरियां बीमार हो गईं और उनकी मौत होने लगी। अब तक 110 भेड़-बकरियां मर चुकी हैं। बालम बताते हैं कि उन्होंने इसके बारे में पशुपालन विभाग से बातचीत की और पशुपालन विभाग की टीम भी भेड़ व बकरियों के उपचार के लिए यहां जंगल में पहुंची। कुछ उपचार भी दिया पर भेड़-बकरियों के मरने का क्रम नहीं रुक रहा है। अगर यही क्रम रहा तो उसकी सारी भेड़ बकरियां मर जाएंगी। बालम राम ने प्रशासन से आर्थिक सहायता की गुहार लगाई है। यह पहला मामला नहीं जब भेड़ बकरियों की इस तरह मौत हुई है। इससे पहले भी ऐसे मामले हो चुके हैं। अभी कुछ माह पहले ही त्रियुंड के पास तीन चरवाहों की 5000 के करीब भेड़ बकरियों को भी यही अज्ञात बीमारी हो गई थी, जिसमें से से 80-90 के करीब मर गई थी। इस अज्ञात बीमारी से फेफड़े ही जम जा रहे थे। जिस पर पड़ताल में पशु चिकित्सकों ने उसे एक तरह के फ्लू का नाम दिया था, जिस कारण उस समय भेड़-बकरियां मरी थी।
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