जनवादी महिला समिति, सीटू, हिमाचल किसान सभा, एसएफआई, डीवाईएफआई, दलित शोषण मुक्ति मंच व यंग वीमेन क्रिश्चियन एसोसिएशन संस्थाओं ने मणिपुर हिंसा को लेकर हस्तक्षेप व तत्काल कार्रवाई की मांग को लेकर डीसी ऑफिस शिमला पर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक ज्ञापन प्रषित किया गया। प्रदर्शन को राकेश सिंघा, फालमा चौहान, विजेंद्र मेहरा, जगत राम, सत्यवान पुंडीर, ऋतु शर्मा, सरिता ठाकुर व बालक राम ने सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि पिछले 86 दिनों से मणिपुर में बेलगाम हिंसा जारी है। इस हिंसा में सैंकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा में 70 हज़ार लोग प्रभावित होकर बेघर हुए हैं। ये सभी लोग राहत शिविरों में गुज़र बसर करने को मजबूर हैं। भाजपा की प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह की संवेदनहीन व पक्षपातपूर्ण कार्यप्रणाली के कारण स्थिति दिनोंदिन भयावह होती जा रही है। राज्य में महिलाओं, बच्चियों व लड़कियों के यौन शोषण व बलात्कार की घटनाएं आम हो गयी हैं। गत दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हुई दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके उनके सामूहिक बलात्कार की 4 मई 2023 की घटना ने देश व सभ्य समाज के रौंगटे खड़े कर दिए हैं। किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह बेहद लज्जाजनक घटना है। प्रदेश की भाजपा सरकार इस तरह की घटनाओं को लगातार छिपाने की कोशिश करती रही है व दोषियों को मूक समर्थन देती रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व देश के गृह मंत्री अमित शाह की कार्यप्रणाली मणिपुर हिंसा में संदेह के घेरे में रही है। उनकी अक्षमता, पक्षपात व भेदभाव पूर्ण कार्यप्रणाली के कारण मणिपुर व देश की जनता का विश्वास मणिपुर की प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार से पूर्णतः उठ चुका है। उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति से मांग की है कि मणिपुर हिंसा पर तत्काल रोक लगाई जाए। मणिपुर में साम्प्रदायिक सौहार्द कायम किया जाए। मणिपुर में तत्काल शांति बहाल की जाए। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अक्षम, भेदभाव व पक्षपात पूर्ण कार्यप्रणाली के कारण उन्हें तत्काल अपने पदों से हटाया जाए। हिंसा, बलात्कार व सामूहिक हत्याओं के लिए जिम्मेवार लोगों पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए।
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