Monday, June 23, 2025
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केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान ने मनाया 61 वां स्थापना दिवस

केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान का 61 वां स्थापना दिवस समारोह

रेणुका गौतम, कुल्लू : ज़िला के गढ़सा में स्थित उत्तरी शीतोष्ण केंद्र में केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान द्वारा 61वां स्थापना दिवस मनाया गया। इस मौके पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली से जी. पी. शर्मा, सयुंक्त सचिव वित्त बतौर मुख्यतिथि शामिल हुए, तो वहीं विशिष्ट अतिथि के तौर पर पी. के. तिवारी वरिष्ठ वित्त एवम लेखाधिकारी ने भाग लिया। संस्थान के निदेशक डॉ अरुण कुमार तोमर ने संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र उत्तरी शीतोष्ण केंद्र, गडसा, कुल्लू हिमाचल पहुुंचने पर उनका स्वागत किया।

इस मौके पर संस्थान व क्षेत्रीय केंद्र की देश के किसानों को भेड़, बकरी व खरगोश के उन्नत किस्मों का वितरण, अन्य सेवा एवम भारत सरकारी की विभिन्न सामाजिक उपयोजन के माध्यम से विभिन्न जाति के किसानो की आजीविका बढ़ाने हेतु संस्थान द्वारा की जा रही गतिविधि के बारे में विस्तार से बताया गया। निदेशक अरुण कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि अनुसूचित जाति उपयोजना के द्वारा चल रहे 5 दिवसीय उन्नत भेड़ एवं खरगोश पालन एवम प्रबंधन पर मौजूद सभी प्रशिक्षणार्थियों को निवेदन किया कि संस्थान की उन्नत पशुओ व तकनीकीयों का फायदा लेते हुए देश के विकास में भागीदार बने और वर्तमान मै वैज्ञानिक पशुपालन पर ध्यान देंं। क्षेत्रीय केंद्र के 61 वेें फाउंडेशन डे पर उपस्थित अतिथियों ने संस्थान के कार्यों की प्रशंसा करते हुए परिषद की तरफ से सभी तरह के सहयोग के लिए आश्वस्त किया।कार्यक्रम में शामिल अतिथिगणों ने क्षेत्रीय केंद्र के विभिन्न सेक्टरों पर पशुओं व खरगोश के सेक्टर्स का भ्रमण किया।

इस मौके पर उत्तरी शीतोष्ण केंद्र के प्रभारी डॉ हरिओम चतुर्वेदी व अन्य वैज्ञानिकों डॉ रजनी चौधरी, डॉक्टर अब्दुल रहीम ने क्षेत्रीय केंद्र की गतिविधि से सभी कार्यक्रम में शामिल अतिथियों को अवगत कराया। निदेशक ने प्रोग्रेसिव प्रगतिशील किसानों की सफलता की कहानी सुनकर आजीविका कमाने के लिए प्रेरित किया। ताकि भविष्य हम देश के प्रधानमंत्री की सोच, आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को पूरा कर सकें।

संस्थान के रीजनल स्टेशन गडसा, कुल्लू की विजिट के दौरान वैज्ञानिक डॉ सत्यवीर सिंह डांगी, फार्मर फर्स्ट परियोजना प्रधान अन्वेषक अविकानगर व सुमेर सिंह राव और गडसा के अन्य सभी प्रशासनिक, एवं सहायक कर्मचारी भी मौजूद रहे।

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