Tuesday, July 1, 2025
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जाने सन् 2022 जनवरी महीने में व्यावसायिक तेजी-मंदी एवं शेयर बाजार की भविष्यवाणी

ज्योतिष विश्लेषण : पंडित शशिपाल डोगरा

शिमला: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के परिभ्रमण का भूमंडल के सभी जड़, चेतन पदार्थों की उत्पत्ति, लय, स्थिति पर प्रत्यक्ष प्रभाव अनुभव किया जाता है। जिसके कारण ज्योतिष और व्यापार का घनिष्ठ सम्बन्ध रहा है।
अंक ज्योतिष के ज्ञाता व वशिष्ठ ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा बता रहे हैं आर्थिक स्थिति पर ज्योतिष विश्लेषण।
व्यापार की सभी वस्तुऐं धातु, मूल और जीव तीन श्रेणियों में विभाजित की गई हैं। सोने से लेकर मिट्टी तक धातु, जमीन से उत्पन्न होने वाले पदार्थ मूल तथा जल, थल, नभ में विचरण करने वाले सभी प्राणी जीव हैं। सभी धातुओं के स्वामी शनि, राहु, मंगल, सभी मूल के स्वामी केतु, शुक्र, सूर्य तथा सभी जीव के स्वामी चन्द्र, बुध, गुरु ग्रह हैं।

मूलत: रंग के अनुसार सफेद रंग की वस्तुओं के स्वामी चन्द्र व शुक्र, लाल रंग की वस्तुओं के स्वामी ग्रह सूर्य व मंगल, पीले रंग की वस्तुओं का स्वामी बुध व गुरु तथा काले रंग की वस्तुओं का स्वामी शनि, राहु, केतु ग्रह को माना गया है।

इस प्रकार वस्तु / पदार्थों के स्वामी ग्रह यदि अपने उच्च, स्वगृह, मित्र गृह, या नवांश में बलबान हों, शुभ प्रभाव में हों तब अपने अधीन वस्तुओं में मंदी तथा नीच, अस्त, शत्रुक्षेत्री, नवांश में निर्बल व पाप ग्रहों के प्रभाव में हो तब अपने अधीन वस्तुओं में तेजी आती है।

वायदा / हाजिर भावों का राजनैतिक-सामाजिक वातावरण, सुभिक्ष-दुर्भिक्ष, आयात-निर्यात नीति, उपज खपत तथा शासकीय नीति से प्रत्यक्ष सम्बन्ध होता है जिसके कारण व्यापारी वर्ग की किसी वस्तु या पदार्थ के विषय में ‘आगे की धारणा’ जानने में रूचि रहती है। वायदा व्यापार में सफलता के लिये व्यापारिक वस्तुओं के भावों के पूर्वानुमान हेतु अनेक विधायें प्रचलित हैं जिनमें से एक ‘खगोलिक गणना’ है। अतः इसी क्रम में यह व्यापारिक लेख प्रस्तुत है। आशा है यह लेख व्यापारी वर्ग को उपयोगी सिद्ध होगा।

“भवानीशंकरौ वन्दे श्रद्धाविश्वासरूपिणौ”

व्यावसायिक तेजी-मंदी जनवरी 2022

6 से 10 जनवरी 👉 शुक्र पश्चिम अस्त- सभी अनाज, चांदी में तेजी, रुई, सूत, तेल, तिलहन, सरसों में मंदी करेगा।

11 जनवरी 👉 उ.षा. में सूर्य-उड़द, मूंग, चावल, गेहूँ, गुड़, चीनी, रुई, कपास, घी, सरसों, चना में तेजी के बाजार रहेंगे।

12-13 जनवरी 👉 शुक्र उदय पूर्व- रुई, सूत, सोना, चांदी, घी, सभी अनाजों में तेजीकारक है। वर्षा, ओलावृष्टि आदि से कृषि में हानि संभव है।

14-15 जनवरी 👉 मकर में सूर्य बुध वक्री सू.+बु. +श युति- तिलहन, घी, अनाज, दलहन, शेयर्स, सोना, चांदी,
अलसी, मूंगफली, तेल, सरसों, कपास, काली मिर्च में अच्छी तेजी का लाभ मिलेगा।

16-17 जनवरी 👉 धनु में मंगल गेहूँ, जौ, चना आदि अनाज, चांदी, सोना, तांबा आदि धातु, शेयर्स, रुई, सूत, कपास, सन्, पाट, बारदाना, बिनौला, सरसों, घी, गुड़, चीनी, दलहन में अच्छी तेजी का योग है। बुध अस्त होने से कुछ वस्तुओं में मंदी हो तो खरीदने से आगे लाभ होगा।

18 से 23 जनवरी👉 शनि अस्त-लोहे से बनी वस्तुयें, धातु, शेयर्स, अलसी, सरसों, तेल, तिलहन सभी अनाज तेज होंगे।

24 से 28 जनवरी👉 श्रवण में सूर्य व शनि का योग- गुड़, चीनी, नमक, गेहूँ आदि अनाज, रुई, सन, सूत, घी, दलहन, लौंग में अच्छी तेजी का योग है।

29 जनवरी👉 शुक्र मार्गी अनाज मन्दे हो तो संग्रह करें। बुध उदय शीघ्र ही रुई में तेजी करेगा।

2022 में शेयर बाजार की धारणा
शेयर बाजार एक संवेदनशील बाजार है, जिसकी दशा दिशा व धारणा पल-पल पर बदलती रहती है। इस बाजार का ताल्लुक अन्तर्राष्ट्रीय बाजार के साथ-साथ राजनीतिक, प्राकृतिक उत्पात, युद्ध की आशंका, अनुकूल-प्रतिकूल अफवाहों से गहरा ताल्लुक होता है। इन्हीं संभावनाओं पर आधारित इस बाजार की धारणा भी निर्धारित होती है। शेयरबाजार आर्थिक हालात का आइना माना जाता है। थर्मामीटर की भांति इसका टेम्परेचर उपरोक्त संभावनाओं पर आधारित नीचे-ऊपर होता रहता है। 2020 से अब तक कोरोना महामारी ने अपने उपद्रव से सभी राष्ट्रों की आर्थिक सेहत बिगाड़ दी है, जिससे सभी जिंसों के मूल्यों में आवश्यकता से अधिक मूल्यवृद्धि हो चुकी है। कोरोनाकाल में औद्योगिक इकाइयाँ बंद होना, बेरोजगारी में वृद्धि, आवश्यक वस्तुओं के आदान-प्रदान में गतिरोध ने भारतीय अर्थव्यवस्था का खेल काफी हद तक बिगाड़ दिया है। पिछले कुछ महीनों से पेट्रोल, डीजल के दाम लगातार बढ़ने से महंगाई को लेकर सरकार की आगे की राह कठिन नजर आती है। कच्चे तेल के दाम तेजी से बढ़ने, अमेरिका द्वारा इस्पात और एल्मुनियम जैसे उत्पादों पर आयात शुक्ल बढ़ाने और बदलती भूराजनैतिक परस्थितियों से आने वाले दिनों में महंगाई को लेकर सरकार की राह कठिन हो सकती है। समय रहते इस पर उचित पहल अपेक्षित है अन्यथा शेयरबाजार में कभी भी फूल कम कांटे अधिक उत्पन्न हो सकते हैं। गत दिनों अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने हालांकि ब्याजदरों को स्थिर रखने की घोषणा की थी, संकेत अवश्य दिया कि अमेरिका ब्याजदर में वृद्धि वर्ष 2023 की शुरुआत से कर सकता है। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था में क्रमांक सुधार का महत्त्वपूर्ण संकेत दिया। इस संभावना मात्र से अमेरिकी ट्रेजरी ब्रांड पर आय बढ़ाने के साथ विश्व के बाजारों में व्यापक गिरावट दर्ज की गई। अमेरिका स्वयं अब तेल का निर्यातक राष्ट्र बन गया है, अतः वह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ओपेक जैसे राष्ट्रों के द्वारा अगर तेलमूल्य वृद्धि की जाती है। तो इसमें जरा भी चिन्ता नहीं है। निश्चित ही विश्व अर्थ व्यवस्था में क्रमांक सुधार देखने के साथ तेल की मांग भी बढ़ रही है। अमेरिकी ट्रेजरी के साथ यूरोप अर्थव्यवस्था में भी व्याप्त मजबूती के परिणाम स्वरूप भारत से कुछ निवेश पलायन की शुरुआत हुई है और इसी का परिणाम है कि भारतीय पूंजी बाजार पर भी गत दिनों कुछ दबाब परिलक्षित हुआ है और रुपये की कुछ गिरावट भी सामने आई है, लेकिन यह केवल तात्कालिक परिणती है। इससे अधिक चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि विश्व के निवेशक आज भी भारत में किए जाने वाले निवेश को अधिक आय के साथ एक सुरक्षित निवेश का केन्द्र मानते हैं । निश्चित रूप से अमेरिकी ट्रेजरी आय में वृद्धि व डालर की मजबूती से निवेश कुछ प्रभावित हो सकता है तथा कुछ निवेश का पलायन भी हो सकता है। लेकिन भारत में विदेशी धनप्रेषण करने वाले प्रवासी भारतीयों की शक्ति भी मजबूत है, फिलहाल कच्चे तेल में अस्थिरता की हालात अमेरिका चीन की व्यापार आयात-निर्यात स्थिति अनुबंधों में कडवाहट एवं डीजल व पेट्रोल के मूल्यों में शीघ्र ही निमंत्रण हेतु समय रहते उचित पहल की गई तो इसके साथ ही कोरोना तीसरी लहर ने कहीं विकराल रूप धारण कर लिया तो बाजार रुखों में ढलान हो सकता है।

शेयर बाजार जनवरी में
यह मास शनिवार ज्येष्ठा नक्षत्र धनुराशि में प्रारम्भ होगा। प्रारम्भ में सूर्य-शुक्र चन्द्रमा धनु में, बुध शनि मकर में, गुरु कुंभ में, राहु वृष में तथा मंगल केतु वृश्चिक में भ्रमण करेंगे। बुध 17 जनवरी को पश्चिम में अस्त तथा 29 जनवरी को पूर्व में उदय होंगे। जनवरी 14 सूर्य मकर में बुध शनि के साथ प्रतियुति करेगा। जनवरी 14 बुध वक्री होंगे। जनवरी 16 मंगल धनु में प्रवेश कर शुक्र के साथ युति करेंगे। जनवरी 29 शुक्र मार्गी होंगे, फलत: मास के प्रारम्भ में राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय हालातों में कडवाहट या अन्य हालातों के कारण बाजार में नकारात्मक स्थितियाँ तबाही का मंजर उत्पन्न कर सकती हैं। जनवरी 3 से 7 तक ब्लुचिप शेयरों में बारी-बारी से बिकवाली का पलड़ा भारी होने से बाजार में अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न कर सकती है, अत: सावधानी अपेक्षित है। आगामी सप्ताह अस्थिर सुधार की संभावना। जनवरी 8 से 11 तक बाजार में अचानक बिकवाली से अधिकांश सेक्टरों के शेयरों में गिरावट तबाही का मंजर उत्पन्न कर सकती है। जनवरी 12 से 14 स्थितियाँ सामान्य रहीं तो सॉफ्टवेयर, मीडिया, फार्मा, वित्तीय संस्थाओं के साथ-साथ विद्युत, पॉवर, सोना, चांदी पर आधारित उद्योगों के शेयरों में बारी-बारी से समर्थन मिल सकता है। आगामी सप्ताह भी सुधार संभावित हो रहा है। जनवरी 17 से 21 तक विद्युत, पॉवर, पेट्रोरसायन, ऑटोमो., सीमेन्ट, इस्पात, भारीइंजीनियरिंग कंपनियों के शेयरों में समर्थन मिल सकता है। जनवरी 24 से 28 तक उपरोक्त सेक्टरों के शेयरों में बारी-बारी से समर्थन मिल सकता है। यह भी स्मरण रखें तारीख 17 से 28 तक सॉफ्टवेयर, मीडिया, सूचना प्रौद्योगिकी, फार्मा एवं वित्तीय संस्थाओं के शेयरों में दबाब बना रह सकता है। तारीख 31 को गलत अफवाह या अन्य हालातों के कारण बाजार गिर सकता है, अतः सावधानी अपेक्षित है।

आवश्यक सूचना👉 व्यापारिक वस्तुओं के पूर्वानुमान में सहायक प्रस्तुत ‘व्यापार भविष्य’ सूर्यादि ग्रहों के राशि – नक्षत्राचार, उदयास्त, वक्र / मार्गत्व, युति- प्रतियुति, दृष्टि योग इत्यादि पर आधारित है। इससे प्रभावित किसी व्यक्ति या संगठन के निजी / सार्वजनिक लाभ-हानि के प्रति लेखक, सम्पादक, प्रकाशक वैधानिक रूप से उत्तरदायी नहीं है। यह तथ्य हमेशा ध्यान रखने योग्य है। तेजी-मंदी के सम्बन्ध में कोई व्यक्ति / संगठन फोन नहीं करे हम कोई जबाब नहीं देंगे।

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