शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने आज यहां प्राथमिक शिक्षा विभाग और समग्र शिक्षा अभियान की समीक्षा बैठक अध्यक्षता की।
गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत प्री प्राइमरी और व्यावसायिक शिक्षा पर विशेष बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 3,840 विद्यालयों में प्री प्राइमरी कक्षाएं और 1000 विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में विद्यार्थियों और अभिभावकों को जागरूक किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत प्रदेश की क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर कार्य करने के भी निर्देश दिए।
गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की साक्षरता दर राष्ट्रीय साक्षरता दर से अधिक है। प्रदेश में 10,722 प्राथमिक विद्यालय, 2019 माध्यमिक विद्यालय कार्यरत हैं। प्रदेश के 99 प्रतिशत प्राथमिक विद्यालयों में पीने के पानी की सुविधा, 96 प्रतिशत विद्यालयों में लड़कियों के शौचालय और 91 प्रतिशत विद्यालयों में बिजली की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा स्तर की रिपोर्ट के अनुसार भाषा और अंक गणित में प्रदेश को देशभर में प्रथम आंका गया है। प्रदेश में केन्द्र द्वारा प्रायोजित मीड-डे-मिल जैसी योजनाओं का सही रूप से कार्यान्वयन किया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्ष 2020-21 के लिए प्राथमिक शिक्षा क्षेत्र के लिए 4400 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान रखा गया है। प्रदेश के अटल आदर्श विद्यालय योजना के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में 25 विद्यालयों के लिए 15 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। अटल निर्मल जल योजना के अन्तर्गत विद्यालयों में पायलट आधार पर 300 वाॅटर प्यूरिफायर और 300 पानी के फिल्टर लगाए गए हैं। विद्यालयों का निरीक्षण करने के लिए शुरू किए गए शिक्षा साथी ऐप का भी सही रूप से कार्यान्वयन किया जा रहा है। प्रदेश में बच्चों को डिजिटाईज एसेसमेंट डाटा प्रदान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत प्रदेश के विद्यालयों को 40 करोड़ रुपये का वार्षिक अनुदान प्रदान किया गया है, जिसके अंतर्गत विद्यालयों के खुलने की स्थिति में उनके सेनेटाइजेशन सहित अन्य कार्य किए जाएंगे।
इस अवसर पर शिक्षा सचिव राजीव शर्मा सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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