Friday, November 22, 2024
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प्रोफेसर अतुल खोसला ने शूलिनी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर का पदभार संभाला

सोलन: शूलिनी यूनिवर्सिटी के गर्वनिंग बॉडी द्वारा खोज एवं चयन समिति की सिफारिशों की स्वीकृति के बाद प्रोफेसर अतुल खोसला ने आज शूलिनी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के रूप में पदभार ग्रहण किया। प्रोफेसर खोसला को पिछले साल संस्थापक चांसलर प्रोफेसर पी के खोसला को वाइस चांसलर बनाने के बाद कार्यवाहक वाइस चांसलर नियुक्त किया गया था। पचास वर्षीय प्रो.अतुल खोसला एक कैरियर रिसर्चर, शिक्षाविद, और मैनेजमेंट कंसल्टेंट और रणनीति, नीति, इनोवेशन, संगठन डिजाइन और आउटसोर्सिंग के क्षेत्रों में एक वैश्विक विशेषज्ञ हैं। अपने 25 से अधिक वर्षों के प्रोफेशनल अनुभव में, प्रो. खोसला ने एशिया, यूरोप, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में शीर्ष शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों, राष्ट्रीय नियामकों और वैश्विक कॉर्पोरेट्स सहित प्रमुख संगठनों के साथ अनुसंधान, शैक्षणिक और कंसल्टेशन कार्यों का नेतृत्व किया है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कानपुर से बी.टेक और जेबीआईएमएस, मुंबई यूनिवर्सिटी से एमबीए करने के बाद, उन्होंने मैकिन्से और ओलिवर वायमन जैसी कई प्रमुख फर्मों के साथ काम किया है। प्रो. खोसला आईआईएम अहमदाबाद, आईआईटी कानपुर, आईएसबी और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन सहित कई भारतीय और ग्लोबल यूनिवर्सिटी और बिजनेस स्कूलों में नियमित तौर पर संबोधन देने जाते हैं।

वाइस चांसलर के रूप में उनकी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए, उन्होंने कहा कि ‘‘मैं भारत के अग्रणी शोध विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के रूप में नियुक्त होने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मुझे यकीन है कि हमारे असाधारण शिक्षकों और छात्रों के समर्थन से, शूलिनी और भी अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचेगी।’’

चांसलर प्रो. पी के खोसला ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि वाइस चांसलर अनुसंधान पर ध्यान देंगे और यूनिवर्सिटी को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। यूनिवर्सिटी के संस्थापक और प्रो चांसलर  विशाल आनंद, जो प्रोफेसर खोसला के नाम को अंतिम रूप दिए जाने पर गर्वर्निंग बॉडी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे, ने उन्हें उनकी नियुक्ति पर बधाई दी और कहा कि उन्हें यकीन है कि ‘‘अग्रणी अंतरराष्ट्रीय असाइनमेंट के अपने शानदार करियर और फिर एक दशक से अधिक समय तक शिक्षा के क्षेत्र में एक्सीलेंस के साथ, वे अपने कार्यकाल में एक वास्तविकता में शीर्ष 200 विश्वविद्यालय की सूची में शामिल होने के शूलिनी के मिशन पर निर्माण करने में सक्षम होंगे।’’

नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार, एक सर्च-कम-सिलेक्शन कमेटी का गठन किया गया था जिसमें प्रतिष्ठित और स्वतंत्र सदस्य शामिल थे। समिति के अध्यक्ष डॉ. गुरबचन सिंह, पूर्व अध्यक्ष, एएसआरबी थे, जबकि इसके सदस्य प्रोफेसर अश्विनी कुमार, प्रोफेसर, आईआईएम, लखनऊ, डॉ. आरके कोहली, वाइस चांसलर, एमिटी यूनिवर्सिटी, मोहाली और डॉ. जेपी सिंह जूरेल, डायरेक्टर, इनफ्लिबनेट, अहमदाबाद थे। समिति को 64 आवेदन प्राप्त हुए और योग्यता क्रम में चार नामों की सिफारिश की गई। उसके बाद गर्वनिंग बॉडी ने चयन समिति की चयन को मंजूरी दे दी।

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