Thursday, October 10, 2024
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नेरचौक मेडिकल कॉलेज मामले में न्यू विजन का स्पष्टीकरण

मृगेंद्र पाल
समय पर दिया वेतन व पीएफ, कंपनी को किया जा रहा बदनाम : जीसी चौहान

गोहर : लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज व अस्पताल नेरचौक में मैन पवार देने वाली न्यू विजन कंपनी को पर्वतन अधिकारियों ने क्लीन चिट दी है। गत दिनों से उक्त कंपनी सहित तीन और कंपनियों को हेराफेरी के मामले में घेरा जा रहा था। 

ईपीएफओ के अधिकारियों ने सभी कंपनियों का रिकार्ड कब्जे में लेकर जांच आरंभ की थी। लेकिन जांच के बाद न्यू विजन कम्पनी के द्वारा किसी भी प्रकार की अनियमितता की बात सामने नहीं आई है। कंपनी के द्वारा काम मिलने के बाद श्रम विभाग से लेबर लाइसेंस से लेकर विभाग सभी औपचारिकताएं पूरी की है। न्यू विजन के एमडी व आउटसोर्सिंग कंपनियों के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञान चंद चौहान ने बताया कि नेरचौक मेडिकल कॉलेज में काम कर रहे उनके ढाई सौ कर्मियों को समय पर वेतन दिया जा रहा है। कंपनी के द्वारा कर्मियों के हक सुरक्षित रहें है और कर्मचारियों के पीएफ का पैसा नियमित रूप से उनके खातों में जमा करवाया गया है। एक फर्जी नेता के अज्ञानतावश कंपनी को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। जबकि तथ्य कुछ और ही है।

सरकार से बजट न मिल पाने के चलते उन्हें तीन महीनों से कर्मचारियों को वेतन के लिए पैसा जारी नहीं हो पाया है, फिर भी कंपनी ने अपने अन्य सोरसों से कर्मचारियों को वेतन अदा किया है। चौहान ने बताया कि उनके पास केवल सफाई और मैस का काम है। कर्मचारियों के द्वारा कॉलेज में सही काम किया जा रहा है और उन्हें वेतन समय पर दिया जा रहा। अन्य कंपनियों ने क्या किया है इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। अन्य कंपनियों के कारनामों के कारण न्यू विजन को बदनाम किया जा रहा है। 

शिकायत मिलने पर गत दिनों मेडिकल कॉलेज में दबिश देकर तीनों निजी कंपनियों का रिकॉर्ड कब्जे में लिया था। प्रारंभिक जांच में पीएफ कम जमा करवाने व पगार भी कम देने की बात सामने आई है। दो कंपनियों के रिकॉर्ड सही पाए गए है। एक कंपनी ने कर्मचारियों को तय वेतन से बहुत कम दिया है। जिसकी रिपोर्ट तैयार कर ली गई है और श्रम विभाग को प्रेषित की जा रही हैं।
दीपक शर्मा, ईपीएफओ शिमला।

मेडिकल कॉलेज मामले में जांच से स्पष्ट हुआ है कि न्यू विजन कंपनी अपने कर्मियों को वेतन व पीएफ दिया गया है। दो अन्य कंपनियों के रिकॉर्ड में अनियमितता पाई गई हैं जिन्हें विभाग की ओर से नोटिस दिए गए हैं।
भावना शर्मा, श्रम निरीक्षक श्रम विभाग मंडी।

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