Sunday, May 19, 2024
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दृष्टिबाधित विशेष छात्रों हेतू डिजिटल साक्षरता प्रशिक्षण शिविर आयोजित

एनएबी हिमाचल प्रदेश, बेनेटेक और एमजंक्शन के सौजन्य से कार्यक्रम सम्पन्न

रेणुका गौतम, कुल्लू : दृष्टिबाधित विशेष बच्चों के शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने के मकसद से जाना क्षेत्र के मजधारी गांव में एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड, हिमाचल प्रदेश द्वारा बेनेटेक बुकशेयर और एमजंक्शन सर्विसेज लिमिटेड की साझेदारी में आयोजित “डिजिटल साक्षरता का परिचय” प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया। “प्रोजेक्ट ज्योति” नामक एक बड़े राष्ट्रव्यापी मिशन के तहत यह आयोजन हुआ। उपायुक्त कुल्लू तोरूल एस रवीश इस मौके पर बतौर मुख्यातिथि शामिल हुई।

बेनेटेक के अत्यधिक निपुण और अनुभवी डॉ. होमियार मोबेडजी (बेनेटेक के क्षेत्रीय प्रतिनिधि) और मिस ज़ैनब चिनिकमवाला (सदस्यता प्रमुख – बुकशेयर) द्वारा 4-दिवसीय प्रशिक्षण अवधि का आयोजन किया गया। डॉ. होमियार और मिस ज़ैनब चिनिकमवाला दोनों विशेषज्ञ के रूप में इस आयोजन में दशकों का अनुभव लेकर आए और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने भारत, दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका में सामाजिक परिवर्तन लाने के अपने जुनून को जारी रखा है।इस 4 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में एनएबी हिमाचल प्रदेश के छात्रों की सक्रिय भागीदारी रही। और छात्रों को डिजिटल उपकरणों और उपकरणों तक पहुंच, डिजिटल साक्षरता कौशल और सहायक प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षण और उपयोग को लेकर जानकारी दी गई। इस मौके पर ई-पुस्तकें और ई-पुस्तकालय कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, डिजिटल साक्षरता की दिशा में अपनी यात्रा शुरू करने के लिए एनएबी हिमाचल प्रदेश के छात्रों के बीच 28 मोबाइल फोन, ईयरफोन और कीबोर्ड भी वितरित किए गए।

सह सचिव एनएबी हिमाचल प्रदेश शालिनी वत्स किमटा ने कार्यक्रम को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि दरअसल इस प्रशिक्षण शिविर का मुख्य मकसद इन विशेष बच्चों के जीवन और शिक्षा में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए विकासात्मक क्रांति लाना है। छात्रों द्वारा सीखे गए यह डिजिटल उपकरण और कौशल उन्हें आवश्यक डिजिटल पढ़ने और लिखने के कौशल के साथ सशक्त बनाकर पूर्ण डिजिटल दक्षता की ओर उनकी यात्रा को सुविधाजनक बनाएंगे। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इसके अलावा छात्रों को यह भी सिखाया गया कि वे अपने उपकरणों को कैसे संचालित करें और प्रौद्योगिकी की शक्ति का उपयोग करने में स्वतंत्रता और आत्म-प्रवीणता की भावना को बढ़ावा देने के लिए बाहरी मदद के बिना आत्मविश्वास से अपने कौशल का उपयोग करें।

इस मौके पर विशेष रूप से मौजूद रही ललिता पंवर ने अपने संबोधन के दौरान कार्यशाला में शामिल हुए विशेष बच्चों की हौसलाअफजाई करते हुए कहा कि यदि अपनी योग्यताओं पर ध्यान दिया जाए, उन्हें निखारा जाए और उनके दम पर ही अपनी पहचान बनाई जाए तो कोई भी कमजोरी इंसान की प्रगति के मार्ग में बाधा नहीं बन सकती। क्योंकि इंसान की पहचान हमेशा उसकी काबिलियत के दम पर ही होती है।

जिला कुल्लू से संबंध रखने वाली अंतरराष्ट्रीय अल्पाइन स्किअर अंचल ठाकुर भी इस मौके पर विशेष तौर से मौजूद रही। उन्होंने भी वहां पर उपस्थित सभी विशेष छात्रों को अपनी योग्यताओं को बढ़ाने पर बल दिया और कहा कि हर इंसान में अपार क्षमता होती है। अतः अपने जुनून के दम पर कोई भी इंसान बड़ी से बड़ी सफलता बहुत आसानी से हासिल कर सकता है, बस जरूरत है तो मेहनत, लगन और खुद पर विश्वास की।

वहीं इस कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने डिजिटल माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और दृष्टिवाधित विशेष छात्रों के उत्थान हेतू किए जा रहे प्रयत्न को सराहा। और भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रमों की आवश्यकता की बात पर बल दिया।

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