Saturday, July 27, 2024
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सिगरेट-तंबाकू उत्पाद अधिनियम की मॉनीटरिंग का हिमाचल में नहीं है कोई सिस्टम, धड़ल्ले से उड़ाई जा रही कोटपा एक्ट की धज्जियां प्रशासन बेखबर

सिगरेट एंड अदर टोबेको प्रोडक्ट (कोटपा) एक्ट 2003 भले ही देशभर में लागू है, लेकिन हिमाचल प्रदेश के कुछ जिलों में  इसका पालन कराने की न तो किसी को फुर्सत है, न ही जिम्मेदार एजेंसियों को इसकी परवाह है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि देशभर में कोटपा एक्ट  के तहत  सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू उत्पाद के विज्ञापन, प्रमोशन और प्रोत्साहन पर प्रतिबंध है | हिमाचल के जिला काँगड़ा में धलियारा व् ऊना जिले के चिंतपूर्णी व् गगरेट बाजार में खुलेआम ITC सिगरेट के ब्रांडेड प्रोडक्ट्स के विज्ञापन सरेआम देखने को मिले . यहीं से अंदाजा लगाया जा सकता है की हेल्थ व् सेफ्टी विभाग कितना बेखबर है | ITC के  ब्रांडेड सिगरेट के विज्ञापन स्थानीय दुकानों पर सरेआम नजर आ रहे हैं  जिस से  सिगरेट एंड अदर टोबेको प्रोडक्ट (प्रोहिबिशन ऑफ एडवर्टीजमेंट एंड रेग्युलेशन ऑफ ट्रेड एंड कॉमर्स, प्रोडक्शन, सप्लाई एंड डिस्ट्रीब्यूशन) एक्ट 2003 की सरेआम धजियाँ उड़ाई जा रही हैं .

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बता दें कि इसके नियंत्रण के लिए सिगरेट एंड अदर टोबेको प्रोडक्ट (कोटपा) एक्ट 2003 भी देशभर में लागू है, लेकिन इसका पालन कराने की न तो किसी को फुर्सत है, न ही जिम्मेदारों को इसकी परवाह है। सख्ती से लागू करने के लिए पत्र व्यवहार भी हुआ, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।

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क्या है कोटपा कानून
सिगरेट एंड अदर टोबेको प्रोडक्ट (प्रोहिबिशन ऑफ एडवर्टीजमेंट एंड रेग्युलेशन ऑफ ट्रेड एंड कॉमर्स, प्रोडक्शन, सप्लाई एंड डिस्ट्रीब्यूशन) एक्ट 2003 को देशभर में एक समान रूप से तंबाकू से जुड़े सभी उत्पाद जैसे सिगरेट, सिगार, बीडी, गुटखा, पान-मसाला, खैनी, स्नफ उत्पादों पर लागू किया गया था।
– सेक्शन-4 सभी सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर पूर्णत: प्रतिबंध। सरकारी-निजी क्षेत्र के सर्वजनिक स्थलों पर नो-स्मोकिंग जोन का साइन बोर्ड लगा होना चाहिए।
– सेक्शन-5 तंबाकू उत्पाद के विज्ञापन, प्रमोशन और प्रोत्साहन पर प्रतिबंध। प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी तंबाकू उत्पाद का विज्ञापन नहीं किया जा सकता है। सांस्कृतिक समारोह या खेल के जरिए तंबाकू उत्पाद कंपनियां – प्रमोशन नहीं कर सकती हैं।
– सेक्शन-6 नाबालिगों को बिक्री पर प्रतिबंध। (6-बी) शैक्षणिक संस्थानों के चारों ओर 100 यार्ड की परिधि में तंबाकू उत्पाद की बिक्री नहीं की जा सकती है।
– सेक्शन-7 टोबेको प्रोडक्ट पर चेतावनी। सिगरेट समेत तंबाकू से बने उत्पादों पर स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होेने की चेतावनी बड़े अक्षरों में लिखना अनिवार्य है।

धारा 4
इस एक्ट की धारा 4 के अनुसार सार्वजनिक स्थलों पर, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टैण्ड, हॉस्पिटल, रेलवे प्रतिक्षालय, न्यायालय परिसर, शैक्षण संस्थान, कैन्टीन, कैफे, बैंक एवं अन्य स्थानों पर धूम्रपान निषेध है। इसी के साथ इसका उल्लंघन करने वाले 200 रुपये और अन्य जुर्माने लगाए जाने का प्रावधान है। इस पेनाल्टी के लिए सब इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी अधिकृत है। इसी के साथ यदि व्यक्ति इस पेनाल्टी से इंकार करता है तो वह अपराधिक एक्ट 1973 की धारा 25 एवं 28 के तहत दोषी होगा।

धारा 5
एक्ट की धारा 5 के तहत सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद का प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रुप से विज्ञापन, प्रोत्साहन एवं प्रेरित करना प्रतिबंधित है। ऐसा करने पर 100/- रुपये का जुर्माना या 2 वर्ष की सजा या दोनों का ही प्रावधान है।

धारा 6
एक्ट की धारा 6ए के तहत सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद को 18 वर्षों से कम तक के बच्चों के बिक्री पर प्रतिबंध है। जबकि धारा 6बी के तहत शैक्षिक संस्थाओं के 100 यार्ड की दूरी तक सिगरेट और तम्बाकू उत्पाद की बिक्री पर प्रतिबन्ध है। इसका उल्लंघन करने पर 200 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।

कार्रवाई का अधिकार

तम्बाकू की रोकथाम के लिए बने कोटपा अधिनियम के तहत कार्रवाई के लिए एक दर्जन अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। इसमें किसी शैक्षणिक संस्थान के उपकुलपति, निदेशक, कुलानुशासक, प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक या प्रभारी, श्रम विभाग के सहायक श्रम आयुक्त, खाद्य एवं दवा विभाग से राज्य खाद्य एवं दवा प्रशासन के उपनिरीक्षक रैंक के सभी अधिकारी, निरीक्षक रैंक के सभी अधिकारी, पुलिस उपनिरीक्षक और उससे ऊंची रैंक के पुलिस अधिकारी, नगरीय स्वास्थ्य अधिकारी, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि, जिला कार्यक्रम प्रबंधक या वित्त प्रबंधक- जिला स्वास्थ्य समिति, सिविल सर्जन या जिला अस्पताल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी या प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सा अधिकारी, खंड विकास अधिकारी, राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग के निदेशक या संयुक्त निदेशक, राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य और जिला तम्बाकू नियंत्रण सेल के नोडल अधिकारी कार्रवाई कर सकते हंै, लेकिन कार्रवाई के नाम पर औपचारिकताएं भी पूरी नहीं की जा रही हैं।

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