डिजिटल युग के इस दौर में ऑनलाइन धोखाधड़ी से सर्तक रहे । चूंकि साइबर अपराधियो ने ऑनलाइन धोखाधड़ी करने का एक और नया तरीका ढूंढ निकाला है। साइबर पुलिस के मुताबिक बिना ऑर्डर किए ही कैश ऑन डिलिवरी का पार्सल व्यक्ति के घर आता है। जब व्यक्ति इसे लेने से इनकार करते हैं तो ऑर्डर कैंसल करने के लिए ओटीपी मांगा जाता है। जैसे ही व्यक्ति ओटीपी बताता है तो कुछ ही सैकेन्ड में उसके खाते से रकम उड़ जाती है। साइबर क्राइम शिमला के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह नेगी ने इस नई धोखाधड़ी के बारे में कहा कि साइबर ठगों द्वारा किसी व्यक्ति के पते पर कोरियर के जरिए एक पार्सल भेजा जाता है जो उसने कभी ऑर्डर ही नहीं किया होता। ऐसे में व्यक्ति ऑर्डर रिसीव करने से मना कर देगा। इसके बाद असली खेल शुरू होता है। दरअसल डिलिवरी बॉय उस पार्सल भेजने वाले को फोन लगाएगा, जिसका नंबर ‘कस्टमर केयर’ के रूप में लेबल पर दिया होगा। पीडि़त की फोन पर बात कराई जाएगी। उसे समझाया जाएगा कि अगर ऑर्डर उसने नहीं किया तो कैंसिल करा सकता है। बस इसके लिए मोबाइल पर आया ओटीपी बताना होगा। पीछा छुड़ाने के लिए पीडि़त व्यक्ति जल्दबाजी में ओटीपी बता देता है और
यहीं पर चूक हो जाती है। कॉल पर ओटीपी मिलते ही दूसरी ओर बैठे ठग शिकार का बैंक खाता खाली कर देते हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह नेगी ने एडवाइजरी जारी करते हुए आमजन से साइबर ठगों के झांसे में आने से
बचने के लिए जागरूक व सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि आम जन जागरूकता से ही साइबर अपराधियों के चंगुल में आने से बच सकते हैं। इन
ठगों से बचने का सबसे बड़ा उपाय जागरूकता है। उन्होंने कहा कि कोई भी ऑनलाइन ऑर्डर आने पर उसे सावधानी से रिसीव करें। बिना बुकिंग कोई भी पार्सल आने पर उसे लेने से साफ इनकार कर दें तथा किसी भी तरह का ओटीपी न बताए। कोई भी शक होने पर तुरंत 1930 पर कॉल करें।
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