शिमला : कृषि व बाागवानी पर निर्भर प्रदेश में किसाानों की सुविधा केेेे लिए खेती का एक नया खाका तैयार किया गया है जिसे लखपति खेती मॉडल नाम दिया गया है ।कृषि विभाग द्वारा तय लक्ष्य में किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रदेश सरकार इस योजना पर काम कर रही है ।इस योजना के तहत प्रदेश में किसानों के कल्याण के मद्देनजर चलाई जा रही तमाम योजनाओं को एक साथ जोड़ कर लागू किया जाएगा। कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर का कहना है कि लखपति खेती मॉडल को जल्द लागू किया जाएगा।उन्होंने कहा कि कृषि विभाग मॉडल पर काम कर रहा है। मॉडल लागू होने के बाद प्रदेश में युवाओं को गांवों में ही साल भर खेती में रोजगार मिलेगा।
कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर का कहना है कि मॉडल लागू होने के बाद प्रदेश के प्रत्येक किसान की साल भर में कम से कम एक लाख की आमदन होगी। योजना के तहत पशुपालन, भेड़ व बकरी पालन के साथ साथमत्स्य पालन को खेती के साथ जोड़ा जाएगा। किसान समग्र तौर पर खेती के साथ साथ भेड़ बकरी पालन व मत्स्य पालन करेंगे। सरकार उन्हें विभिन्न योजनाओं के तहत उपदान मुहैया करवाएगी। किसानों की आमदनके आकलन के लिए उन्हें किसान आमदन योजना कार्ड दिए जाएंगे।कार्ड में किसानों की मॉडल से पहले व बाद दोनों ही आमदन का जिक्र होगा।
गौरतलब है कि प्रदेश में 89 फीसद से अधिक आबादी गांवों में रहती है। ग्रामीण इलाकों में रहने वाली 62 फीसद आबादी खेती पर ही निर्भर है।हालांकि प्रदेश में किसान अन्य राज्यों की तर्ज पर कर्ज में नहीं डूबे हैं, बावजूद इसके बंदरों व जंगली जानवरों के आतंक व सिंचित भूमि कम होने की वजह से किसान खेती से मुंह मोडऩे लगा है।सरकार ने पहले सोलर फेंसिंग जैसी योजनाएं प्रारंभ कर किसानों को जंगली जानवरों की समस्याओं से निजात दिलाने का प्रयास किया, साथ ही सिंचाई की भी कई योजनाओं को लागू किया जा रहा है। जापानसरकार से वित्त पोषित जाइका भी ऐसी ही योजना है। सरकार चेकडैम बना कर किसानों की खेती को पान मुहैया करवाने की कोशिशमें भी है। ग्रामीण स्तर पर खेती के इस आधारभूत ढांचे को विकसितकरने के बाद कृषि विभाग ने लखपति खेती मॉडल लागू करने की तैयारी कर ली


                                    