देवभूमि में जनता की आस्था से खिलबाड़ नहीं होगा सहन : बिक्रम ठाकुर
शिमला : देवभूमि हिमाचल में मंदिरों में दर्शन करने के लिए अब 1100 रुपए चुकाने होंगे जो देव आस्था के साथ भक्तों के साथ किया जाने वाला दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है. सरकार के इस निर्णय का भाजपा पूरी तरह से विरोध करती है. पूर्व मंत्री बिक्रम ठाकुर ने सरकार के इस निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा की है और सरकार से तुरंत इस फैसले को वापिस लेने की मांग की है.
उन्होंने प्रदेश की सुक्खु सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 97%हिन्दू आबादी वाली विचारधारा को हरा कर सरकार बनाने का नारा देने वाले मुख्यमंत्री जो व्यवस्था परिवर्तन कि बात हर मंच से करते हैं उनसे मेरा प्रश्न है कि ये कौन सा व्यवस्था परिवर्तन है? जहाँ लोगों को मंदिर के दर्शन करने के लिए भी शुल्क चुकाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने VIP कल्चर का खत्म किया है लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार मंदिरों में भी VIP कल्चर को बढ़ावा दे रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार अपने 10 गारंटीयों को पूरा करने के लिए मंदिर शुल्क के माध्यम से पैसा एकत्रित करने का प्रयास प्रदेश सरकार द्वारा हो रहा है। मंदिरों में दर्शन के लिए शुल्क लगाया जाना लोगों कि आस्था के साथ खिलवाड़ है और भारतीय जनता पार्टी इस बात का विरोध करती है। उन्होंने सरकार को चेताया कि यदि अपनी सरकार चलाने व सीपीएस का खर्चा जुटाने के लिए इस तरह के तुगलकी फरमान सरकार द्वारा जारी किए जा रहे हैं तो उन्हें मेरा सुझाव है कि अन्य कोई साधन खोजे. देवभूमि में लोगो की आस्थाओं के साथ न खेलें।
ठाकुर ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है इसका अर्थ यह नहीं कि सरकार एस तरह के फैसले लेकर लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करे. देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए ऐसी व्यवस्था किसी दूसरे धर्मस्थल पर नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार जरा दूसरे धर्मस्थलों पर भी एस तरह के शुल्क लगा कर बताए।
उन्होंने कहा कि मंदिर दर्शन के लिए जिस फार्मूला को प्रदेश सरकार ने बनाया है जिसके अनुसार 500लोगों को पास दिए जायेगें व अन्य VIP लोगों के लिए यह दर्शन मुफ्त रहेगा। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खु बताए कि ये VIP की कैटेगरी में कौन आता है? वो स्थानीय जनता जो वहां के ही है वो किस प्रकार दर्शन का लाभ ले पाएंगे जबकि 2500लोगों के साथ साथ तथाकथित गणमान्य प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही सुविधा से दर्शन कर रहे होंगे. क्या वो मात्र वहां लाइनों में खड़े होने जायेंगे जबकि जिनसे शुल्क लिया गया है वो प्रथमिकता के आधार पर दर्शन कर सकेंगे।
बिक्रम ठाकुर ने प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रदेश सरकार इस तरह के निर्णय लेकर आपदा में अवसर ढूंढ़ रही है. मुख्यमंत्री जी लोगों को राहत देने के बजाय प्रतिदिन इस बात पर विचार करते नजर आते हैं कि प्रदेश कि गरीब जनता की जेब से पैसा निकालने के लिए कौन सा नया क़ानून बनाया जाए. लोगों की आस्थाओं के साथ खिलवाड़ करने वाली सरकार को हिमाचल की जनता जल्द ही आईना दिखाएगी।