Thursday, December 12, 2024
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कभी पत्थर टकरा कर होता था माता का आह्वान -अब बजाई जाती है पीतल की घंटियां

  • रजनीश शर्मा
  • हल्की फुहारों के बीच टौणी देवी मेला आयोजित
    हमीरपुर :
    हमीरपुर व मंडी की संस्कृति का संगम स्थल के नाम से विख्यात ऐतिहासिक टौणी देवी मेले का आयोजन सोमवार को किया गया। हल्की बारिश की फुहारों के बीच आयोजित इस मेले में लोगों ने हर्षोंल्लास से भाग लिया।
    मान्यता है कि टौणी देवी माता कानों से बहरी है इसलिए मंदिर में रखे दो पत्थरों को टकरा कर आवाज़ पैदा की जाती जिससे माता का आह्वान किया जाता। अब इन पत्थरों को साईड में रख दिया गया है ।आधुनिक पीढ़ी पीतल की घंटियाँ बजा माता का आह्वान करती नज़र आती है।
    टौणी देवी मेले में इस बार राजस्थान से लाए गये ऊंट की सवारी विशेष आकर्षण रही । वहीं जलेबी , पकौड़े व आलू छोले की दुकानों पर भी काफ़ी भीड़ दिखी । क़रीब साढ़े तीन सौ साल पुराने मंदिर में ढोल ढमाकों के बीच भगतों ने पंक्ति में खड़े होकर माता के दर्शन किए । मंदिर कमेटी टौणी देवी द्वारा मंदिर तथा मेले में आए लोगों के लिए व्यापक प्रबंध किए हुए थे । लोगों ने मंदिर में लगातार चल रहे भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया ।
    ग्राम पंचायत बारीं के उपप्रधान राजीव चौहान ने बताया कि प्रशासन ने मेले में बिजली , पानी , ट्रैफ़िक व सुरक्षा व्यवस्था का पूरा प्रबंध किया हुआ था । किसी को किसी प्रकार की कोई दिक़्क़त नहीं आई ।
    मंदिर कमेटी के प्रधान धर्म सिंह ने बताया कि टौणी देवी मेले को लेकर लोगों में काफ़ी उत्साह रहता है।उन्होंने कहा कि कमेटी पुरातन संस्कृति के अनुसार ही मेले का आयोजन करती है तथा बाहर से आने वाले लोगों के रहने व खाने की पूरी व्यवस्था करती है।

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