टांडा अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है जिसके अनुसार महिला के पेट में कपड़ा छोड़ दिया और इस बात का खुलासा 3 माह बाद हुआ l जब युवती के परिजनों को यह बात पता चली तो ये लोग युवती को लेकर टांडा पहुंचे। इसके बाद आनन-फानन में फिर महिला को ऑपरेशन के लिए भर्ती किया गया है। जिस पर परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में टांडा मेडिकल क़ॉलेज में डिलीवरी के बाद एक महिला के पेट में डॉक्टरों ने कपड़ा छोड़ दिया। डिलीवरी के तीन महीने बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ है। बता दें कि बेहतर संस्थानों के मामले में टांडा मेडिकल कॉलेज को देशभर में 35वीं रैंकिंग मिली है, ऐसे में इतनी बड़ी लापरवाही अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है।
जानकारी के अनुसार, मुना देवी (27), नूरपुर की 18 फरवरी को सिजेरियन तरीके से डिलीवरी की गई है,महिला के पेट में डॉक्टर्स की लापरवाही से कपड़ा रह गया, तीन माह बाद अब जब पता चला तो ये लोग टांडा पहुंचे, इसके बाद आनन-फानन में फिर से उसे ऑपरेशन के लिए भर्ती किया गया है।परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
महिला के पति ने आरोप लगाया कि 18 फरवरी को उसकी पत्नी की डिलीवरी टांडा मेडिकल क़ॉलेज में हुई थी, हाल ही में जब उसकी पत्नी के पेट में दर्द हुआ तो उन्होंने जांच करवाई, अल्ट्रासाउंड में पता चला कि महिला के पेट में कपड़ा है। पति का आरोप है कि जब दोबारा वह टांडा मेडकल कॉलेज पहुंचे तो डॉक्टरों ने दोबारा ऑपरेशन के लिए दबाव बनाया।