शनिवार को सदन के भीतर प्वाइंट आॅफ आर्डर लेकर सुजानपुर के विधायक श्री राजेंद्र राणा जी ने हिमाचल के इकलौते सैनिक स्कूल सुजानपुर के मसलों को उठायाl
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने स्कूल की ग्रांट रोक दी है जोकि तर्कसंगत नहीं है।इस स्कूल की स्थापना 2 नवम्बर, 1977 को हुई थी तथा वर्ष 1979 को पहला बैच शुरू हुआ था।अब तक 40 बैच में 20,000 छात्र पासआऊट हो चुके हैं, जिनमें से 500 के लगभग सैन्य अधिकारी इस स्कूल ने दिए हैं तो कई छात्र प्रशासनिक सेवाओं में उच्च पदों पर देश सेवा कर रहे हैं, लेकिन स्कूल आर्थिक संकट से गुजर रहा है।
उन्होंने बताया कि सैनिक स्कूल सोसायटी के तहत स्कूल चल रहा है तथा इसकी स्थापना के समय एग्रीमैंट हुआ था कि प्रदेश सरकार की ओर से हर साल स्कूल को आर्थिक मदद प्रदान की जाएगी।उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से स्कूल को 3 करोड़ 71 लाख रूपए दिया जाना शेष है जबकि 40 साल पहले निर्मित स्कूल भवन व हास्टल खराब हालत में है।हास्टल के कमरों से बारिश के दौरान पानी टपकता है।उन्होंने बताया कि इस स्कूल में अधिकतर हिमाचली बच्चे ही शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग रखी कि स्कूल के बकाया 3 करोड़ 71 लाख रूपए की राशि जल्द प्रदान की जाए तथा स्कूल भवनों की मुरम्मत के लिए अलग से आर्थिक मदद मुहैया करवाई जाए।जिस पर सैनिक कल्याण मंत्री महेंद्र सिंह जनहित के इस मुद्दे पर सकारात्मक रूख अपनाते हुए हर संभव मदद का भरोसा दिया।सरकार की ओर से भरोसा मिलने पर विधायक राजेंद्र राणा ने प्रदेश सरकार का धन्यवाद किया है।