- इच्छाशक्ति दृढ़ हो, इरादा नेक हो, नियत साफ हो और भाव सेवा का हो तो हर काम मुमकिन होता है
शिमला, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने शिमला स्थित ग्रैंड होटल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात कार्यक्रम में भाग लिया। उनके साथ प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव कटवाल, महामंत्री त्रिलोक कपूर ,मीडिया प्रभारी करण नंदा, सुदीप महाजन, रमा ठाकुर, राज पाल ,मंडल अध्यक्ष सुनील धर विशेष रूप में उपस्थित रहे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने भाजपा के संस्थापक दिन दयाल उपाध्याय के एकात्मक मानववाद को याद करते हुए कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। जिस प्रकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के छोटे-छोटे कार्यों को देखते हुए बड़े पटल पर लाते हैं वह बहुत बड़ी बात है। इससे पूरा देश प्रोत्साहित होता है और नई ऊर्जा और दिशा में आगे बढ़ता है, 1947 से आज तक ऐसा कोई भी प्रधानमंत्री इस देश को नहीं मिला जो सीधा भारत की जनता से जुड़ पाया।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक के बाद एक ऐतिहासिक निर्णय ले रही है।
जब इच्छाशक्ति दृढ़ हो, इरादा नेक हो, नियत साफ हो और भाव सेवा का हो तो हर काम मुमकिन होता है। ऐसा व्यक्ति ही इतिहास रचता है और लोगों के दिलों में बसता है। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ऐसा ही इतिहास इस सितंबर में रचा है। एक तो देश को नई संसद की सौगात आजादी के अमृतकाल में उनके नेतृत्व में देश को मिली और इस नई संसद में जो ऐतिहासिक कार्य हुआ है, उसके लिए देश को 27 वर्षों से इंतजार था। लोकसभा ने 20 सितंबर को जो नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित किया है, वह भारत के लिए ऐतिहासिक छलांग है और देश की नारी शक्ति के लिए एक वरदान है। प्रधानमंत्री मोदी जी की कल्पना ने कार्यरूप लिया तो भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी का सपना भी साकार हुआ। यह विधेयक न केवल नारी सशक्तिकरण के इतिहास में एक नया अध्याय लिखेगा बल्कि न्यायपूर्ण और लैंगिक समानता को भी बढ़ावा देगा। इस प्रकार नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं भारत सरकार को बधाई । महिलाओं को सशक्त बनाने, अधिकार संपन्न बनाने और सम्मान देने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को पूर्ण किया गया है। नई संसद में आयोजित पहले और संसद के विशेष सत्र के दूसरे ही दिन लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पारित हो गया। इस विधेयक के मुताबिक लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा। अब लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित होंगी। इस ऐतिहासिक बदलाव के बाद से सक्रिय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढेगी।