Friday, November 22, 2024
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28 फरवरी को होगा कुल्लू साहित्य उत्सव-2024 का शुभारंभ

हिमतरु प्रकाशन समिति तथा भाषा संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में होगा आयोजन

रेणुका गौतम, कुल्लू: “कुल्लू साहित्य उत्सव-2024 का शुभारंभ 28 फरवरी को ज़िला मुख्यालय कुल्लू स्थित ढालपुर के देवसदन सभागार में होगा। इस साहित्य उत्सव में जहां देश के वरिष्ठ एवं स्थापित साहित्यकार, पर्यावरणविद ,पत्रकार एवं फ़िल्मकार विभिन्न समसामयिक विषयों पर अपना वक्तव्य देंगे, वहीं नवोदित कवि-लेखक एवं रंगकर्मियों द्वारा विचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा,” यह जानकारी कुल्लू साहित्य उत्सव कोर समिति के सदस्य एवं वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. निरंजन देव ने दी। जब वह आयोजन को लेकर अटल सदन में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे।

डाॅ. निरंजन देव ने बताया कि कुल्लू साहित्य उत्सव का आयोजन हिमतरु प्रकाशन समिति, कुल्लू द्वारा भाषा संस्कृति विभाग, हिमाचल प्रदेश के सहयोग से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस उत्सव का उद्देश्य हिमाचल जैसे दूर-दराज़ के क्षेत्र में नई पहाड़ी पौध में पठन-पाठन तथा साहित्य के प्रति रुचि पैदा करना है। ताकि विद्यार्थियों और साहित्य प्रेमियों में स्त्री, जाति, लोकतंत्र, पर्यावरण, आदिवासी विमर्शों पर दृष्टि विकसित हो सके।

कुल्लू साहित्य उत्सव के आयोजन को लेकर विस्तार से जानकारी देते हुए डाॅ. निरंजन देव ने बताया कि 28 फरवरी से 1 मार्च तक देवसदन में आयोजित होने वाले इस साहित्य उत्सव में मुख्यतः 11 वक्ताओं को आमंत्रित किया गया है। जिनमें देश के प्रतिष्ठित वरिष्ठ साहित्यकार उदय प्रकाश, पहाड़ पत्रिका के संपादक एवं पर्यावरणविद- साहित्यकार शेखर पाठक, ख्यातिप्राप्त वरिष्ठ पत्रकार एवं संपादक ओम थानवी, वरिष्ठ साहित्यकार एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं विचारक बजरंग बिहारी तिवारी, डाॅ. स्नेहलता नेगी तथा डाॅ. नीलम, जामिया मिलिया इस्लामिया की प्रोफसर एवं विचारक डाॅ. हेमलता महीश्वर फ़िल्मकार एवं प्रकाशक संजय जोशी; भारतीय आदिवासी लेखिका एवं कवयित्री वंदना टेटे, युवा एवं चर्चित कवि अनुज लुगुन तथा गीत चतुर्वेदी तथा साहित्य, दलित विमर्श, स्त्री विमर्श, पर्यावरण , आदिवासी विमर्श तथा साहित्य एवं सिनेमा के अंतरसंबंधों पर अपना वक्तव्य देंगे।

अपने संबोधन के दौरान उन्होंने यह भी बताया कि कुल्लू साहित्य उत्सव का आयोजन 28 फरवारी से 1 मार्च तक होगा, जिसमें 28 तथा 29 फरवरी को विचार-गोष्ठी एवं कवि-सम्मेलन होगा। जबकि 1 मार्च को स्थानीय भ्रमण के दौरान कविता, कहानी तथा विमर्शो को लेकर पत्र प्रस्तुतीकरण एवं अनौपचारिक बातचीत होगी। निरंजन देव ने जानकारी दी कि हिमाचल से बाहर से आमंत्रित वक्ताओं के अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश के कवि-लेखकों को भी विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया है। उन्होंने इस उत्सव के सफल आयोजन को लेकर कुल्लू के तमाम साहित्य, कला एवं संस्कृति, पर्यावरण एवं रंगमंच प्रेमियों से सहयोग की अपील की है।

इस दौरान हिमतरु के सचिव एवं कुल्लू साहित्य उत्सव के समन्वयक किशन श्रीमान, कुल्लू साहित्य उत्सव प्रेस कमेटी के प्रभारी रमेश पठानिया तथा कुल्लू साहित्य उत्सव समिति के अन्य सदस्यों में सुश्री रेखा, ललित, अनुरंजनी तथा पूजाभी मौजूद रही।

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