पौंग विस्थापितों की हकों की बात करते हुए राजन सुशांत ने कहा वाइल्ड लाइफ के साथ खेती कर रहे किसानों को जमीन से उजाड़ा जा रहा है। किसान कब्ज़े वाली भूमि पर खेती करना चाहा रहे लेकिन वन विभाग इसमें रोड़े अटका रहा है।उन्होंने कहा कि वाइल्ड लाइफ विभाग खेती करने से किसानों को रोक रहे हैं।विभाग कृषि से प्रवासी पक्षियों के ऊपर पड़ने वाले असर की बात कह रहा है जो गलत है। खेती करने से पक्षी भागेंगे नहीं बल्कि ओर बढ़ेंगे। वन विभाग के अधिकारी मुख्यमंत्री को ग़ुमराह कर रहे है। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाबजूद पौंग का मामला लटका पड़ा है। मुख्यमंत्री 50 हज़ार किसानों वह जमीन दी जाए जहां वह फ़सल बीज रहे हैं। राजन सुशांत ने कहा कि मुख्यमंत्री से अंतिम विनती है कि 50 हज़ार किसानों की रोज़ी का सवाल है। सरकार किसानों को हक़ दिलाए उन्हें मरने न दें। यदि अगले दो दिन तक फ़ैसला नही हुआ तो राजन सुशांत गृह मंत्री से सरकार की शिकायत करें जरूरत पड़ी तो आगे भी जाएंगे। पौंग विस्थापितों की सवा तीन लाख एकड़ जमीन डैम की भेंट चढ़ गई थी। अब डैम का पानी कम होने से खाली जमीन पर किसान खेती करते हैं। किसानों को वहां भी खेती नहीं करने दी जा रही है।
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