शाकाहारी लोग ज्यादा स्वस्थ और लंबा जीवन जीते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक नॉनवेज खाने वाले लोगों की तुलना में वेजिटेरियन लोगों में हार्ट प्रॉब्लम्स, हाई ब्लडप्रेशर और डायबिटीज जैसी गंभीर समस्याओं की आशंका 12 प्रतिशत तक कम होती है। हर तरह से स्वास्थ्यप्रद होने के बावजूद लोगों के मन में शाकाहार को लेकर कई तरह की गलतफहमियां हैं। तो आज World Vegetarian Day पर हम हम कुछ ऐसी ही भ्रामक धारणाओं को दूर करेंगे।
1. प्रोटीन का पोषण नहीं मिल पाता
अकसर हम यही सोचते हैं कि वेजटेरियन लोग प्रोटीन के पोषण से वंचित रह जाते हैं, पर यह बहुत बडी गलतफहमी है कि नॉनवेज ही प्रोटीन का प्रमुख स्रोत है। सबसे अच्छी बात तो यह है कि वनस्पतियों से प्राप्त होने वाला प्रोटीन कोलेस्ट्रॉल रहित होता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर भी पाया जाता है, जो पाचन तंत्र और हड्डियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होता है। इसके अलावा हर तरह की दालों, सब्जियों और फलों में भी पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। जबकि चिकेन, रेड मीट या अंडे में मौजूद प्रोटीन में फाइबर बिलकुल नहीं होता। इनमें फैट और कोलेस्ट्रॉल भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए अधिक मात्रा में नॉनवेज का सेवन दिल और किडनी के लिए नुकसानदेह साबित होता है। नॉनवेज को हमारी आंतें सही ढंग से पचा नहीं पातीं। जबकि हरी सब्जियों में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जिसकी वजह से शाकाहारी लोगों को कब्ज की समस्या नहीं होती। फलों और सब्जियों में कई तरह के एंटी ऑक्सीडेंट तत्व मिनरल्स और विटमिंस पाए जाते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं और बीमारियों से लडने में हमारी मदद करते हैं। इन्हीं तत्वों की वजह से शाकाहारी लोगों की त्वचा ज्यादा स्वस्थ और चमकदार होती है।
2. शाकाहार से नहीं मिलती ऊर्जा
अक्सर लोग ऐसा समझते हैं कि शाकाहारी लोग शारीरिक दृष्टि से कमजोर होते हैं। खास तौर पर ज्यादा शारीरिक श्रम करने वाले लोगों को शाकाहारी भोजन से पर्याप्त कैलरी नहीं मिल पाती। इसलिए खेलकूद, आर्मी और पुलिस जैसे फील्ड के लोगों के लिए नॉनवेज का सेवन जरूरी है। जबकि अमेरिकन एथलीट कार्ल लुइस, बॉक्सर माइक टायसन और ओलंपिक में भारतीय कुश्ती विजेता सुशील कुमार ने यह साबित कर दिया है कि वेजटेरियन लोग कमजोर नहीं होते।
3. वेजटेरियन डाइट संतुलित नहीं होती
यह धारणा पूरी तरह गलत है। शाकाहारी भोजन में भी प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा और कोशिकाओं को पोषण देने वाले आवश्यक माइक्रोन्यूिट्रएंट तत्वों का संतुलित समन्वय होता है। नॉनवेज की तुलना में फलों, सब्जियों और दालों में माइक्रोन्यूट्रिएंट तत्व ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं। इसी वजह से नॉन वेजटेरियन लोगों को भी अपने खाने के साथ सब्जियों या सैलेड की कम से कम दो सर्विग लेने की सलाह दी जाती है, जिससे उन्हें संतुलित मात्रा में पोषक तत्व मिल सकें। अगर आप वेजटेरियन हैं तो अब पूरी तरह टेंशन फ्री होकर स्वादिष्ट शाकाहारी खाने का लुत्फ उठएं।]
4. शाकाहारी चीजें हर जगह आसानी से नहीं मिलतीं
कुछ लोग ऐसा समझते हैं कि शाकाहारी चीजें हर जगह आसानी से नहीं मिलतीं। इसलिए अकसर विदेश यात्रा या जंक फूड का सेवन करने वाले लोगों को बहुत परेशानी होती है, पर वास्तव में ऐसा नहीं है। आजकल हर सुपर मार्केट, रेस्ट्रां और इंटरनेशनल फ्लाइट्स में शाकाहारी चीजें आसानी से मिल जाती हैं। इसके अलावा शाकाहारी लोगों को फ्रूट्स, सैलेड, सीरियल्स और मिल्क प्रोडक्ट्स तो हर जगह मिल ही जाते हैं।
5. बच्चों को चाहिए नॉनवेज
अकसर लोग ऐसा मानते हैं कि शाकाहारी भोजन में बच्चों के संतुलित विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिलते। यह तथ्य आंशिक रूप से सच है कि नॉनवेज में पाया जाने वाला प्रोटीन और आयरन बच्चों के शारीरिक विकास में मददगार साबित होता है, पर इसका अर्थ यह नहीं है कि शाकाहारी बच्चे कमजोर होते हैं। अगर उन्हें पर्याप्त मात्रा में डेयरी प्रोडक्ट्स, सब्जियां और दालें खिलाई जाएं तो इससे उनका संतुलित शारीरिक विकास होता है। दरअसल अमिनो एसिड प्रोटीन का प्रमुख स्रोत है, जो कि दालों और सब्जियों में भी पाया जाता है। इसी तरह हरी पत्तेदार सब्जियों, सेब, चुकंदर और खजूर जैसे फलों में भी पर्याप्त आयरन होता है।