हिमाचल
हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश का दौर जारी है। बीते 48 घंटे के दौरान हुई ताजा बर्फबारी से समूचा हिमाचल शीतलहर की चपेट में आ गया है।
राज्य के उंचाई वाले क्षेत्रों में बीते कल से रूक-रूक कर बर्फबारी और अन्य इलाकों में बारिश हो रही है। लाहौल स्पिति, मनाली, रोहतांग, किन्नौर, चंबा, डलहौजी व कांगड़ा की धौलाधार की पहाड़ियों सहित अन्य ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो रही है। मौसम विभाग की माने तो कल से प्रदेश में बर्फबारी-बारिश का दौर कम हो जाएगा। हालांकि 29 जनवरी तक कुछ स्थानों पर फिर से बर्फबारी व बारिश की संभावना व्यक्त की गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक प्रदेश के मैदानी इलाकों में 26 और 27 जनवरी को मौसम शुष्क रहने का पूर्वानुमान है जबकि 29 जनवरी तक कुछ स्थानों पर फिर से बर्फबारी व बारिश के आसार हैं।
जानिए कहां कितनी बर्फबारी हुई
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक लाहौल स्पीति जिला के गोंधला में सबसे ज्यादा 50.5 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई है, जबकि कुकुम्सेरी में 32.3, केलांग में 23.0 और हंसा में 20.0 सेंटीमीटर बर्फबारी रिकॉर्ड की गई है। जिला चंबा के सलूणी में 45.7 व भरमौर में 30.0 सेंटीमीटर बर्फ पड़ी है। जिला कुल्लू के कोठी में 10.0 सेंटीमीटर हिमपात हुआ है। जिला शिमला के खुरद्ला में 8.0, शिल्लारू में 5.0 और चौपाल में 3.0 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई है। जिला किन्नौर के सांगला में 8.1 व पुह में 2.5 सेंटीमीटर बर्फ दर्ज हुई है।
ये बारिश हुई रिकार्ड
नगरोटा सूरियां में 90 मिमी बारिश हुई। इसके बाद चंबा में 73 मिमी, गुलेर में 69 मिमी, धर्मशाला में 68 मिमी, गुलयानी में 60 मिमी, ऊना में 50 मिमी, पालमपुर में 40 मिमी और हमीरपुर में 28 मिलीमीटर ताजा बारिश हुई।
तापमान में आई गिरावट
बर्फबारी से हिमाचल के उंचे इलाको में शीतलहर चल रही है जिससे तापमान में भारी गिरावट आई है। राज्य की चार जगहों का पारा माइनस में चला गया है। लाहौल-स्पीति जिला के मुख्यालय केलांग में न्यूनतम तापमान माइनस 4.7 डिग्री, कुकुमसेरी -2.5, नारकंडा में -0.5 डिग्री व कल्पा में -1.2 डिग्री सेल्सियस रहा।
हिमस्खलन की चेतावनी जारी
Snow and Avalanche Study Establishment (सासे) मनाली ने अगले 24 घंटों में कुल्लू, लाहौल-स्पीति, किन्नौर, शिमला व चंबा के पांगी, किलाड़ में हिमस्खलन की चेतावनी जारी की है। जिला प्रशासन ने सैलानियों और आम लोगों को संवेदनशील इलाकों की ओर न जाने की हिदायत दी है। जिला किन्नौर, लाहौल स्पीति और चंबा के पांगी-भरमौर, मनाली में बर्फ जमने से फिसलन बढ़ गई है। इसे देखते हुए सरकार ने सभी को संभलकर गाड़ी चलाने की एडवाइजरी जारी की है।
कृषि और बागवानी के लिए यह टॉनिक है यह बर्फबारी
बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश कृषि और बागवानी के लिए लाभदायक साबित होगी। विशेषज्ञों के मुताबिक जनवरी और फरवरी में बर्फबारी होना सेब के लिए जरूरी है। बागवानी विभाग के उप निदेशक बीएम चौहान ने कहा कि ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश सेब सहित अन्य फलों के लिए संजीवनी साबित होगी। आगामी माह में बर्फबारी और बारिश से सेब सहित अन्य फलों का उत्पादन अच्छा होने की सम्भावना है। बेशक बर्फबारी से कुछ दिन लोगों के लिए दुश्वारियां बढ़ती है, मगर प्रदेश की खेतीबाड़ी और बागवानी के लिए यह टॉनिक का काम करेगी।