शिमला।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन रोजगार का मुद्दा गरमा गया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने सरकार से अब तक दिए गए रोजगार का ब्योरा मांगा। इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विभिन्न विभागों में पदों को भरने की प्रक्रिया का जिक्र करना शुरू किया, लेकिन विपक्ष ने इसे टालमटोल करार देते हुए सीधा आंकड़ा मांगा।
विपक्ष के विधायकों विपिन परमार और सतपाल सत्ती ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया। उनका आरोप था कि मुख्यमंत्री स्पष्ट रूप से यह नहीं बता पाए कि अब तक कितने युवाओं को रोजगार मिला। नाराजगी जताते हुए भाजपा विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया।
जयराम ठाकुर का हमला
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सदन में रोजगार के आंकड़ों पर झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि जुलाई 2024 में मुख्यमंत्री ने सदन में 34,980 नौकरियां देने का दावा किया था, जबकि 15 अगस्त के भाषण में उन्होंने 23,191 नौकरियों का जिक्र किया। “आखिर यह 11 हजार नौकरियां कहां गायब हो गईं?”— जयराम ठाकुर ने सवाल उठाया।
उन्होंने कहा कि सवा तीन साल के कार्यकाल में सरकार युवाओं को वास्तविक रोजगार देने में विफल रही है। इसके बजाय अब सरकार ने जॉब ट्रेनिंग के नाम पर नई व्यवस्था निकाली है, जिसमें दो साल काम करने के बाद युवाओं को दोबारा टेस्ट देना होगा। इसे उन्होंने “युवाओं के साथ बड़ा मजाक” बताया।
आउटसोर्स भर्तियों पर आरोप
जयराम ठाकुर ने कहा कि अस्पतालों में नर्सों की भर्ती आउटसोर्स के जरिए की जा रही है और इस प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है। आरोप लगाया गया कि भर्ती करने वाली कंपनियां कांग्रेस नेताओं और उनके रिश्तेदारों से जुड़ी हैं और भर्ती के लिए युवाओं से पैसे वसूले जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने चुनाव से पहले 5 लाख नौकरियां देने और पहली कैबिनेट बैठक में 1 लाख नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन अब तक उसका कोई अता-पता नहीं है। “ढाई साल में ढाई लाख नौकरियों का वादा था, लेकिन धरातल पर एक भी नौकरी युवाओं तक नहीं पहुंची। मुख्यमंत्री सुबह से शाम तक झूठ बोलने का ही काम कर रहे हैं।”