‘कुल्लू दशहरा : तब और अब’ के तहत छात्रों ने वरिष्ठजनों से किया साक्षात्कार
रेणुका गौतम कुल्लू : इस बात में कोई दो राय नहीं कि कल्लू का अन्तर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव हमेशा से ही मनोरंजन के साथ-साथ जिज्ञासा का भी आकर्षक विषय रहा है। फिर चाहे विदेशियों का इसके प्रति आकर्षण हो या शोधार्थी छात्रों के लिए शोध का विषय। इसी के चलते छात्रों में पठन-पाठन और लेखन में रूचि पैदा करने के उद्देश्य से कुल्लू दशहरा : तब और अब विषय पर साक्षात्कार कार्यक्रम रखा गया। जिसमें राजकीय महाविद्यालय पनारसा के छात्रों ने कुल्लू के वरिष्ठजनों से ऐतिहासिक कुल्लू दशहरा उत्सव को लेकर साक्षात्कार किया। तथा उनसे दशहरा उत्सव से जुड़े विभिन्न पहलुओं को लेकर विस्तार में जाना।
इस संदर्भ में राजकीय महाविद्यालय पनारसा के छात्रों ने मौहल स्थित नेचर पार्क में कुल्लू तथा लाहुल-स्पिति ज़िला से संबद्ध प्रबुध एवं वरिष्ठजनों से बातचीत की। ‘कुल्लू दशहरा : तब और अब’ विषय के आधार पर छात्रों ने घाटी के वरिष्ठजनों से दशहरा उत्सव से जुड़ी स्मृतियां, बचपन के अनुभव, दशहरा देखने का अवसर कब मिला, बचपन में दशहरे के दौरान होने वाली गतिविधियाँ, उनके माता-पिता या दादा-दादी द्वारा दशहरे को लेकर बताई गई बातें, किशोरावस्था के अनुभव, भावनाएँ और गतिविधियाँ, बदलते विचार सामने रखे। साथ ही युवावस्था में दशहरे को लेकर जिम्मेदारियाँ, परिवार और सामाजिक परंपराओं के साथ-साथ वर्तमान अनुभव, पसंद-नांपसंद, अब तक दशहरे में बदलाव तथा सुझाव को लेकर सार्थक बातचीत की। इसके अलावा उत्सव के दौरान कला केंद्र तथा अन्य स्थानों पर होने वाले कार्यक्रम, व्यापार, प्रदर्शनी तथा उनके महत्व को लेकर भी छात्रों ने वरिष्ठजनों के अनुभव जाने।
कॉलेज के छात्रों द्वारा दशहरा उत्सव को लेकर वरिष्ठजनों से रूबरू होने वाले इस कार्यक्रम को लेकर राजकीय महाविद्यालय की पुस्तकाध्यक्ष एवं इस कार्यक्रम की संयोजक बिंदू सूर्यवंशी ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लाईब्रेरी सोसाइटी की तरफ से वरिष्ठजनों के साथ छात्रों का एक साक्षात्कार रखा गया है, ताकि कुल्लू दशहरे की पृष्ठभूमि को लेकर बेहतर जानकारियां सामने आ सके।
कॉलेज की प्राचार्या डॉ. उरसेम लता ने बताया कि राजकीय महाविद्यालय पनारसा ने हिमतरु प्रकाशन समिति के साथ एक एमओयू साईन किया है। जिसके तहत छात्रों के छोटे-छोटे शोध पत्रों पर कार्य किया जा रहा है। आज का कार्यक्रम भी उसी शोध का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि ‘कुल्लू दशहरा : तब और अब’ प्रोग्राम के तहत छात्रों ने भगवान रघुनाथ के प्रमुख छड़ीबरदार महेश्वर सिंह सहित अन्य वरिष्ठ लोगों के साक्षात्कार लिए हैं, जिसमें उत्सव से जुड़ी अनेक महत्वपूर्ण जानकारियां लोगों तक पहुंचेगी।
उउन्होंने यह भी बताया कि राजकीय महाविद्यालय पनारसा एवं अन्य महाविद्यालय के छात्रों एवं हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के शोधार्थियों द्वारा एकत्र जानकारियों एवं शोध-पत्रों का एक महत्तवपूर्ण संग्रह हिमतरु द्वारा शीघ्र प्रकाशित किया जाएगा। जो शोधार्थियों, पाठकों एवं आमजन के लिए रूचिकर साबित होगा। इस कार्यक्रम में वरिष्ठजनों में धनेश्वरी शर्मा, छीमे शाशनी, दयानंद गौतम, प्रो. चेतन, कुंती देवी, रमेश पठनिया, उमेश शर्मा तथा पोरेनन्द्र शर्मा जैसे प्रबुद्धजन मौजूद रहे।