बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार बागवानी क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता एवं उत्पादकता वाले पौधों को उगाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करने पर विचार कर रही है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए एशियाई विकास बैंक द्वारा वित्त पोषित एचपी शिवा परियोजना के अंतर्गत बागवानी मंत्री के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ऑस्ट्रेलिया के 6 दिवसीय विदेश दौरे पर है।
प्रतिनिधिमंडल में मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा, निदेशक उद्यान विभाग संदीप कदम व दो अन्य तकनीकी अधिकारी सम्मिलित हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में प्रति वर्ष लाखों फलदार पौधे रोपित किए जाते हैं। इनमें अधिकतर पौधे पारंपरिक ढंग से तैयार किए जाते हैं तथा बहुत से पौधे अन्य राज्यों से भी लाए जाते हैं। पारंपरिक विधि से तैयार किए गए पौधों में विभिन्न रोग इत्यादि की संभावनाएं बनी रहती हैं तथा बागवानों को इसमें कई बार नुकसान भी उठाना पड़ता है।
बागवानी मंत्री ने बताया कि इस समस्या से निपटने तथा बागवानी क्षेत्र में सुधार के लिए नई तकनीकें अपनाने पर बल दिया जा रहा है। यह दल अपने दौरे के दौरान ऑस्ट्रेलिया में पौध स्वास्थ्य प्रबंधन के क्षेत्र में अपनाई जा रही स्क्रीनिंग, टैस्टिंग, साफ-सफाई व रख रखाव इत्यादि की आधुनिक तकनीक का अवलोकन एवं अध्ययन करेगा। विक्टोरिया राज्य के मुख्य पौध स्वास्थ्य अधिकारी के साथ विचार-विमर्श के अतिरिक्त यह दल स्ट्रॉबरी इंडस्ट्री सर्टिफिकेशन अथॉरिटी तथा एलिज़ाबेथ कृषि संस्थान सिडनी में प्रयोगशालाओं का दौरा करेगा और नर्सरी पंजीकरण कार्यक्रम, अत्याधुनिक फल पौधशालाओं का दौरा कर आधुनिक तकनीकों पर चर्चा भी करेगा।
उन्होंने कहा कि इस दौरे से ऑस्ट्रेलिया में अपनाई जा रही तकनीक को हिमाचल प्रदेश में लाने में सहायता मिलेगी तथा प्रदेश के बागवान भी आधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित करके उच्च गुणवत्ता वाले पौधे तैयार कर सकेंगे।
केंद्र सरकार के स्वस्थ पौधे कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित इस दौरे के दौरान बागवानी मंत्री सीधे तौर पर एशियाई विकास बैंक की टीम व कृषि मंत्रालय भारत सरकार के उच्च अधिकारियों के साथ चर्चा एवं विचार-विमर्श भी करेंगे।
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