प्रातः 6:00 बजे से 252 धावकों ने लिया हिस्सा
रेणुका गौतम, केलांग : प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए लाहौल के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल सिस्सू में दूसरी बार स्नो मैराथन का आयोजन किया गया जिसमें ढाई सौ के करीब धावकों ने हिस्सा लिया |
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए सहायक आयुक्त लाहौल स्पीति डॉक्टर रोहित शर्मा ने कहा कि स्नो मैराथन का मुख्य उद्देश्य जिला में शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देना और स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार से जोड़कर उनके आर्थिक स्थिति को संबल प्रदान करना है और जिला लाहौल स्पीति के अनछुए क्षेत्रों को उजागर कर शीत कालीन खेलों के आयोजन से विश्व के पर्यटन मानचित्र पर अलग से पहचान दिलवाना है ।
गौरतलब है कि विश्व के 11 देशों में प्रचलित स्नो मैराथन दौड़ से इको फ्रेंडली एडवेंचरस कल्चर को देश में बढ़ावा देते हुए लाहौल में यह दूसरी बार यह आयोजन किया गया है। जिला प्रशासन व रीच इंडिया संस्था के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित स्नो मैराथन द्वारा फिट इंडिया व युवाओं को नशे की बुराई से दूर रखने के लिए भी संदेश दिया गया। राष्ट्रीय स्तर की स्नो मैराथन में विदेशी धावकों ने भी हिस्सा लिया। प्रातः 6:00 बजे 10 हजार फुट की ऊंचाई वाले पर्यटन स्थल सिस्सू में लगभग माइनस 8 से 10 डिग्री सेल्सियस तापमान में 42 किलोमीटर फुल स्नो मैराथन 21 किलोमीटर की हाफ मैराथन 10 किलोमीटर तथा 5 किलोमीटर की पुरुष एवं महिला वर्ग की दौड़ के अतिरिक्त डॉग रेस भी आयोजित की गई।
इस अवसर रीच इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजीव कुमार, मुख्य आयोजन सलाहकार कर्नल अरुण नटराजन, आयोजननिष्पादन प्रमुख राजेश चांद व गौरव सिमर कार्यकारी निदेशक वह भारी संख्या में स्थानीय लोग भी मौजूद रहे। रीच इंडिया के सीईओ राजीव कुमार, आयोजक गौरव शिमर, राजेश चंद और कर्नल नटराजन की उपस्थिति में विजेताओं को मुख्य अतिथि सहायक आयुक्त लाहौल स्पीति डॉ रोहित शर्मा सम्मानित किया। विजेताओं को गार्मिन इंडिया द्वारा से सम्मानित किया गया।
देश भर से लगभग 252 धावक चार विभिन्न श्रेणियों में इस वार्षिक मैराथन के लिये जुटे थे। सैन्य कर्मियों विशेष नौ सेना और भारतीय सेना की इस बार व्यापक भागीदारी देखने को मिली। मैराथन में हिमाचल प्रदेश के अलावा चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तराखंड, नार्थ ईस्ट सहित दक्षिण भारत के धावकों का कड़ा मुकाबला देखने को मिला। गौरव शिमर के अनुसार गत वर्ष लगभग 115 धावकों ने भाग लिया था जो कि इस बार लगभग दोगुनी होकर 252 हो गई थी। मैराथन के दौरान मोहाली स्थित फोर्टिस हस्पताल की चिकित्सीय दल ने 42 किलोमीटर के मैराथन रुट पर धावकों के साथ किसी भी अप्रिय घटना की निपटने के लिये मेडिकल सेवायें प्रदान की।
कार्यक्रम को बाॅन, इंडोफिल और फास्टन अप का भी समर्थन रहा। राजीव कुमार ने बताया कि भारी उत्साह के बीच आयोजन सफल रहा। उन्होंनें उम्मीद जताई की ऐसे आयोजन न केवल लाहौल घाटी में पर्यटन को बढ़ावा दे रही है बल्कि जिले को साहसिक खेलों के मानचित्र में स्थापित करेगा।
स्नो मैराथन लाहौल के साथ ही विश्व की पहली डाॅग्स रेस का आयोजन भी करवाया गया। आयोजन को आयोजित करने का उद्देश्य पालतू पशुओं विशेषकर कुत्तों और उनके मालिकों के बीच उनके परस्पर प्रेम को और अधिक मजबूती प्रदान करवाना था। मनाली में अवारा पशुओं के उत्थान के लिये प्रयासरत एनजीओ – ‘मनाली स्ट्रेज’ द्वारा आयोजित इस पहले आयोजन – स्नो टेल्स में 14 कुत्तों ने अपने मालिकों सहित भाग लिया।
गौरव शिमर के अनुसार पहली बार आयोजित इस कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने काफी रुचि दिखाई। उनका उद्देश्य इसे स्नो मैराथन के साथ वार्षिक आयोजन बनाना है। उन्होने बताया कि इस कार्यक्रम से एकत्रित की गई धनराशि को लाहौल स्पीति व मनाली के अवारा पशुओं के पुनर्वास के लिये व्यय जायेगा।
यह रहे स्नो मैराथन दौड़ के विजेता :पुरुष वर्ग की फुल मैराथन में विकेश सिंह सोलन से प्रथम स्थान पर और दूसरे स्थान पर कुशाल ठाकुर कुल्लू से रहे। फुल मैराथन महिला वर्ग में तेंजिन डोलमा प्रथम स्थान पर रही व हाफ मैराथन में महिला वर्ग में पलक ठाकुर मनाली से रही। हाफ मैराथन में पुरुष वर्ग में अनीश चंदेल बिलासपुर से प्रथम स्थान व पवन कुमार चंबा से दूसरे स्थान पर रहे।10 किलोमीटर की महिला वर्ग की स्नो मैराथन दौड़ में प्रथम स्थान पर सन्ना रही।