शिमला : नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एसजेवीएन ने कंपनी की निदेशक मंडल की बैठक के बाद वित्तीय वर्ष 2020-21 तथा चौथी तिमाही के वित्तीय परिणामों को घोषित करते हुए कहा कि अपने निष्पादन को निरंतर सुधारते हुए एसजेवीएन ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 1633.04 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया है। यह शुद्ध लाभ गत वित्तीय वर्ष 2019-20 की तुलना में 75.61 करोड़ रुपए अधिक है, जब यह 1557.43 करोड़ रुपए था।
उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में एसजेवीएन ने कुल 3213.07 करोड़ रुपए की आय अर्जित की है, जोकि गत वित्तीय वर्ष में अर्जित कुल आय 3095.24 करोड़ रुपए से 117.83 करोड़ रुपए अधिक है। इस कारण 10/- रुपए प्रति के फेस वैल्यू के शेयर ईपीएस(प्रति शेयर आय) 3.96 रुपए से बढ़कर 4.16 रुपए हो गया है।
उन्होंने अवगत करवाया कि निदेशक मंडल ने 2.20 रुपए प्रति शेयर की दर से लाभांश घोषित किया है। इस संदर्भ् में 1.80 रुपए प्रति शेयर की दर से अंतरिम भुगतान पहले ही किया जा चुका है तथा 0.40 रुपए प्रति शेयर की दर से भुगतान जल्द ही किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में स्थित अपने दो जलविद्युत स्टेशनों तथा गुजरात एवं महाराष्ट्र में दो पवन ऊर्जा स्टेशनों एवं एक सौर ऊर्जा स्टेशन से एसजेवीएन ने कुल 9224 मिलियन यूनिट्स विद्युत का उत्पादन किया है, जबकि इन संयंत्रों की डिजाईन एनर्जी 8700 मिलियन यूनिट्स है। श्री नन्द लाल शर्मा ने यह भी बताया कि एसजेवीएन ने गुजरात में 70 मेगावाट सौर ऊर्जा प्लांट के लिए गुजरात ऊर्जा विकास निगम के साथ एक समझौता किया है।
शर्मा ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही के दौरान एसजेवीएन का वित्तीय निष्पादन शानदार रहा है। इस तिमाही के दौरान एसजेवीएन ने कुल 1081.13 करोड़ रुपए की आय अर्जित की है, जोकि वित्तीय वर्ष 2019-20 से 53.4% अधिक है, जब कुल आय 704.70 करोड़ रुपए थी। कंपनी का शुद्ध लाभ 399.44 करोड़ रुपए से 53.66% बढ़कर 613.80 करोड़ रुपए हो गया है। इस तिमाही के दौरान ईपीएस(प्रति शेयर आय) 1.01 रुपए से बढ़कर 1.56 रुपए हो गया है।
एसजेवीएन भारत के साथ-साथ पड़ोसी देशों जैसे नेपाल एवं भूटान में जलविद्युत, सौर विद्युत, पवन विद्युत तथा ताप विद्युत क्षेत्र में 16 विद्युत परियोजनाओं को निष्पादित कर रहा है। एसजेवीएन ने 2016.5 मेगावाट की स्थापित क्षमता के साथ वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट तथा 2040 तक 25000 मेगावाट कंपनी बनने का लक्ष्य रखा है।