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शिमला :
नंद लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने आज हिमाचल प्रदेश में 382 मेगावाट सुन्नी बांध जलविद्युत परियोजना के विभिन्न अवसंरचनात्मक निर्माणकारी संकार्यों संबंधी गतिविधियों की शुरूआत का उद्घाटन किया। नन्द लाल शर्मा ने 113 मीटर डबल लेन स्टील ट्रस ब्रिज के निर्माण कार्य संबंधी शुरुआत का भी उद्घाटन किया। ब्रिज का निर्माण 14 करोड़ रुपए की लागत से जिला शिमला के ग्राम खेड़ा में सतलुज नदी पर परियोजना स्थल के डाउनस्ट्रीम की ओर किया जा रहा है। तत्पश्चात, श्री नन्द लाल शर्मा ने नदी के बाएँ तट के एप्रोच सड़क मार्ग के विस्तारीकरण कार्यों और दाएँ तट के एप्रोच सड़क मार्ग संबंधी निर्माण कार्यों का भी उद्घाटन किया। दोनों एप्रोच सड़क मार्गों का कार्य दिनांक 31.03.2023 तक पूर्ण किया जाना निर्धारित है और इससे न केवल विभिन्न घटकों पर परियोजना निर्माणकारी गतिविधियों में तीव्रता आएगी, अपितु दोनों नदी तटों पर रहने वाले स्थानीय समुदाय की दैनिक गतिविधियों में भी सुविधा होगी।
अपने परियोजना दौरे के दौरान, नन्द लाल शर्मा ने परियोजना कार्यालय भवन और बैचुलर आवास के निर्माणकारी संकार्यों की शुरुआत का भी उद्घाटन किया। इन भवनों के पूर्ण होने पर परियोजना स्थलों पर कर्मचारियों की 24×7 उपलब्धता की सुविधा परियोजना निष्पादन में तीव्रता लाने में सहायक होगी ।
परियोजना अधिकारियों को संबोधित करते हुए, श्री नन्द लाल शर्मा ने कर्मचारियों को किसी भी प्रकार के समय एवं लागत आधिक्य से बचने के लिए निर्धारित समय सीमा के भीतर परियोजना को पूरा करने के लिए सहयोगात्मक प्रयास करने के लिए प्रेरित किया।
माननीय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सीसीईए ने दिनांक 4 जनवरी, 2023 को परियोजना के लिए 2614 करोड़ रुपए का निवेशगत अनुमोदन प्रदान किया। डिजाइन और इंजीनियरिंग सर्विस, सिविल और हाइड्रो मैकेनिकल कार्यों सहित ईपीसी अनुबंध पैकेज के 1098 करोड़ रुपए के संकार्य दिनांक 14.01.2023 को मैसर्स रिथविक प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को अवार्ड कर दिए गए हैं।
“सुन्नी बांध परियोजना के प्रमुख संकार्यों को अवार्ड करने के साथ, वर्तमान वित्तीय वर्ष में अवार्ड की गई संचयी परियोजना एसजेवीएन के इतिहास में अब तक की सर्वाधिक है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1697 मेगावाट क्षमता की चार सौर और एक जलविद्युत परियोजना को अवार्ड किया गया है।”
382 मेगावाट सुन्नी बांध परियोजना सतलुज नदी पर हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला और मंडी में स्थित एक रन-ऑफ-द-रिवर परियोजना है। कमीशनिंग पर, परियोजना प्रतिवर्ष 1382 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादित करेगी और लेविलाईज्ड टैरिफ 3.90 प्रति यूनिट रुपए होगा। निर्माण कार्य आरंभ होने के 63 माह के भीतर परियोजना को कमीशन किया जाना निर्धारित है। परियोजना निर्माण गतिविधियों के परिणामस्वरूप लगभग 4000 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होगा। कमीशनिंग होने पर, उत्पादित विद्युत में से स्थानीय क्षेत्र विकास निधि हेतु 1% के साथ 13% नि:शुल्क बिजली हिमाचल प्रदेश सरकार को प्रदान की जाएगी। परियोजना के निष्पादन से सामुदायिक संपत्ति का सृजन, अवसंरचनात्मक विकास होगा, जिससे स्थानीय क्षेत्र लाभान्वित होगा और हिमाचल प्रदेश के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देगा।