रेणुका गौतम, कुल्लू : “भारतीय क्षत्रिय महासभा की स्थापना महाराजा बलवंत सिंह आवागढ़ बाले ने 126 साल पहले की। मानवता का हित और देश की एकता व अखंडता बनाए रखना ही इस महासभा का उद्देश्य है,” यह बात अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर ने कुल्लू में आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान कही।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि यह महासभा देश में सबसे पुरानी महासभा है, इसका गठन 19 अक्तूबर 1897 में हुआ। आरक्षण के मुद्दे पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में आरक्षण जाति के आधार पर नहीं, बल्कि आर्थिक आधार पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए लंबे अरसे से महासभा ने आंदोलन छेड़ रखा है, और कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक यह आंदोलन चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2010 में कन्याकुमारी से कश्मीर तक आर्थिक आरक्षण के लिए तीन रथयात्राएं निकाल गई। अतः उन्होंने सरकार से आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग की है। साथ ही उन्होंने कहा कि महापुरुष किसी जाति के नहीं होते, इसलिए महापुरुषों के इतिहास के साथ कतई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। उन्होंने मामले को लेकर केंद्र सरकार से भी मांग रखी है कि महापुरुषों के इतिहास के साथ छेड़छाड़ का प्रयास न किया जाए।
क्षत्रिय महासभा के उद्देश्य को लेकर बात करते हैं उन्होंने बताया कि महासभा का एकमात्र उद्देश्य देश और समाज में समरसता, एकता और अखण्डता की भावना लाना है। देश की एकता और अखंडता पर बल देते हुए उन्होंने देश में जाति और धर्म के नाम पर सक्रिय नकारात्मक तत्वों का कड़ा विरोध किया है। और केंद्र सरकार से ऐसे नकारात्मक तत्वों पर अंकुश लगाने की मांग रखी है।
सत्य प्रकाश ठाकुर होंगे क्षत्रिय महासभा हिमाचल के मुख्य संरक्षक
इस अवसर पर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पवन ठाकुर ने कार्यकारिणी का विस्तार किया। पूर्व मंत्री सत्य प्रकाश ठाकुर को महासभा का मुख्य संरक्षक घोषित किया गया। जबकि कुल्लू से बलदेव ठाकुर संगठन मंत्री, ऊना से सुरेंद्र ठाकुर महासचिव, कुल्लू से देवी सिंह पाल उपाध्यक्ष, विक्रम सिंह राणा कांगड़ा अध्यक्ष,अश्वनी ऊना अध्यक्ष, शमशेर सिंह काकू किन्नौर के अध्यक्ष रवीश ठाकुर कॉर्डिनेटर , सुमन ठाकुर सचिव और श्वेता ठाकुर को सोशल मीडिया कॉर्डिनेटर नियुक्त किया गया।