काँगड़ा हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिलों में हींग की खेती को लेकर की गई शुरुआत की गूंज पूरे देश में गूंजने लगी है। वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएसआईआर) एवं हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी) पालमपुर ने प्रदेश के लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिले में हींग की खेती की शुरुआत की है। इससे पहले देश में हींग की खेती नहीं होती थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सीएसआईआर की ओर से किसान हित और स्वास्थ्य क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की है। शुक्रवार को दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पीएम मोदी ने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की सोसायटी की बैठक की अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री ने सीएसआईआर से समाज और उद्योग को साथ लेकर चलने का आग्रह किया। उन्होंने 2016 में शुरू किए गए अरोमा मिशन में सीएसआईआर की भूमिका की प्रशंसा की। सीएसआईआर एवं आईएचबीटी संस्थान पालमपुर के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने कहा कि देश के हजारों किसान फूलों की खेती से आर्थिकी को सुदृढ़ कर रहे हैं। उन्होंने देश में हींग की खेती में मदद करने के लिए सीएसआईआर की सराहना की। उन्होंने कहा कि अब तक भारत हींग को लेकर दूसरे देशों से आयात पर निर्भर है। भारत के लक्ष्य इस दशक के साथ-साथ अगले दशक की जरूरतों के अनुरूप होनी चाहिए। कहा कि दुनिया के विशेषज्ञ जलवायु परिवर्तन को लेकर लगातार बड़ी आशंका जता रहे हैं। उन्होंने सभी वैज्ञानिकों और संस्थानों से वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तैयारी करने का आह्वान किया।
Trending Now