रेणुका गौतम, लाहौल स्पीति : जनजातीय क्षेत्र जिला लाहौल स्पीति में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा ग्राम पंचायत युरनाथ में नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत पंचायत स्तर पर एक दिवसीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
जागरूकता शिविर के दौरान जानकारी देते हुए जिला कल्याण अधिकारी केलांग खुशविन्दर ने लोगों को बताया कि इस कानून का उद्देश्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करने के साथ साथ उन के खिलाफ अन्यायपूर्ण व्यवहार से संबंधित अपराधों पर अंकुश लगाना है। जो अंततः उनके आत्मसम्मान के टूटने का कारण बनते हैं। लिहाजा उन्हें सामाजिक अक्षमताओं से बचाने के लिए कुछ स्थानों तक पहुंच से इनकार, व्यक्तिगत अत्याचार जैसे – अखाद्य भोजन कराना, यौन शोषण, शारीरिक व मानसिक चोट आदि से संरक्षण प्रदान करना है।
साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि दुर्भावनापूर्ण रूप से मुकदमा चलाने, आर्थिक रूप से शोषित और राजनीतिक रूप से बहिष्कृत होने से रोकने के लिए इस अधिनियम के तहत कानूनी प्रावधान सुनिश्चित बनाए गए हैं। इस अधिनियम के अन्तर्गत अगर पुलिस थाना में कोई दुर्भावनापूर्ण एफआईआर दर्ज होती है, तो उक्त अधिनियम के अन्तर्गत एक लाख से आठ लाख पच्चीस हजार तक मुआवजे का प्रावधान है।
इस मौके पर थाना प्रभारी अर्जुन सिंह ने भी नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 एवं अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के अन्तर्गत विस्तृत जानकारी प्रदान की। इसके अतिरिक्त उन्होंने एन०डी०पी०एस० एक्ट व सजा के प्रावधानों के बारे भी जानकारी उपलब्ध करवाई। साथ ही तहसील कल्याण अधिकारी राजेश कुमार ने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं व अन्य अधिनियमों की विस्तार से जानकारी प्रदान की।
ग्राम पंचायत प्रधान विजय आनन्द ने पंचायत में शिविर आयोजित करने के लिए समस्त अधिकारियों एवं उपस्थित लोगों को आभार व्यक्त किया और लोगों को अधिकारियों द्वारा बताई गई योजनाओं का यथासम्भव लाभ उठाने का और अपने अधिकारों के प्रति सजग रहने का आह्वाहन किया। जागरूकता शिविर में महिलामंडल और युवा मण्डल गुमरंग युरनाथ, क्वारिंग की जनता मौजूद रही।